У нас вы можете посмотреть бесплатно बौद्ध ग्रंथ। सुक्त पिटक, विनय पिटक, अभिधम्म पिटक, Indian ancient history. baudh literature, baudh, или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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सूक्त पिटक, विनय पिटक, अभिधम्मपिटक, दीपवंश, महावंश, दिव्यावदान, बुद्धचरित, महावस्तु, सौदारानंद, दीर्घ निकाय, अगुंतर निकाय आदि #baudhdharm #baudh #indianhistory बौद्ध साहित्य बौद्ध साहित्य दो भागों में बांटा गया है मूल सहित व्युत्पन्न साहित्य मूल साहित्य में सूक्त पिटक अभिधाम में पिटक विनय पिटक आता है सूक्त पिटक यह पहला और सबसे बड़ा पिटक है इसे बौद्ध धर्म का एनसाइक्लोपीडिया भी कहते हैं इसकी रचना बुद्ध के शिष्य आनंद ने की थी और सूक्त पिटक के कुल 5 भाग हैं जिसका जो इस प्रकार है देखने का दीर्घ निकाय सबसे बड़ा निकाय है इसमें बौद्ध धर्म की प्रशंसा की गई है इसी पाठक में बौद्ध कालीन 6 शेरों का वर्णन मिलता है जो इस प्रकार है राजगिरी काशी कौशांबी श्रावस्ती साकेत इसी निकाय में महापरिनिर्वाण सूक्त है जिसमें बुद्ध के अंत्येष्टि क्रियो का उल्लेख मिलता है इसी में एक और शब्द है जिसे शिमला वार्षिक या राहुल लोहार सूक्त कहते हैं इस सूक्त में उपासकों के लिए नैतिक नियमों का उल्लेख किया गया है इसी नैतिक नियमों का उल्लेख अशोक ने अपने धर्म के रूप में किया है अब अंतर निकाय इसमें 16 महाजनपद का उल्लेख है जिसमें 14 महाजनपद में राजतंत्र और दो में गणतंत्र था मध्य निकाय इसमें महात्मा बुद्ध को कहीं मानव बताया गया है तो कहीं ईश्वर बताया गया है इसे निकालने बुद्ध के गर्भ में आने से लेकर मृत्यु तक की घटनाओं का प्रतीक के रूप में वर्णन किया गया है खुद तकनीकाएं यह 15 ग का संकलन है जिसमें साथ अति महत्वपूर्ण है जो इस प्रकार है पहले जाता के जातक में बुद्ध के पूर्व जन्मों की कहानी है जो 549 जनवरी पर आधारित है दूसरा है खुद तकनीकाएं इसमें 9 मित्रों का उल्लेख है जिससे बौद्ध संघ में प्रवेश करते समय बौद्ध वृक्षों को पढ़ाया जाता था धर्म पद यह उपदेश आत्मक ग्रंथ है इसे बौद्ध धर्म का गीत भी कहते हैं विमान वास्तु इसमें देवलोक में पाए जाने वाले प्रधान का उल्लेख है प्रेत वस्त्र इसमें बुरे आत्माओं से छुटकारा पाने पाए जाने का तरीका बताया गया है फिर गाथा बौद्ध भिक्षुओं द्वारा लिखी गई कहानी तेरी गति बौद्ध भिक्षुड़ियों द्वारा लिखी गई कहानी संयुक्त निकाय इसमें कौशल के राजा परसेंट जीत एवं मगध के शासक आजाद सत्र के मध्य संघर्ष की बात बताई गई है विनय पिता के इसमें बौद्ध धर्म का आचार संहिता कहा जाता है इसे रूपाली द्वारा लिखा गया है इसमें बौद्ध धर्म से संबंधित नियम बताए गए हैं जिसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है बिना पिता के कुल चार भाग हैं जो इस प्रकार हैं पट्टी मुख्य विभाग खंदक परिवार अभी धर्म में पिटक इसकी रचना मोगली पुत्र 30 के द्वारा की गई है जिसके सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ कथावस्तु है इस कथा इस कथावस्तु में बौद्ध धर्म के दार्शनिक सिद्धांत का उल्लेख किया गया है मिलिंदपन्हो इसमें बौद्ध धर्म दार्शनिकनगरसेन तथा यूनानी शासक मिलैंडर के मध्य दार्शनिक वार्तालाप का उल्लेख किया गया है इसकी रचना नाक से ने किया है दीप वंश इसकी रचना चौथी शताब्दी संपूर्ण में हुई इसमें सिंगल दीप पर प्रकाश डाला गया है यह पहली किताब है जिसमें श्रीलंका का इतिहास मिलता है महावंश यह पांचवीं शताब्दी में लिखा गया इसमें मगध राजाओं की सूची मिलती है ललित विस्तार यह संस्कृत में लिखा गया प्रथम ग्रंथ है इसकी रचना कई लोगों ने मिलकर किया इसमें महात्मा बुद्ध को देवता मानते हुए उनके लीलाओं का वर्णन किया गया है महावत इसमें बुद्ध के जीवन का केंद्र बनाकर छठी शताब्दी ईसापुर के इतिहास का वर्णन किया गया है बौद्ध दार्शनिक अशुभुज ने संस्कृत में तीन महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखे बुद्ध चरित्र सौदागर सारे पुत्र प्रकरण बुद्ध चरित्र या बौद्ध साहित्य का महाकाव्य है इसमें बुद्ध के जीवन के चरित्र को वर्णन किया गया है 17 आनंद यह भी एक महाकाव्य है इसमें कुछ इसमें बुद्ध के सौतेले भाई नंद के बौद्ध धर्म ग्रहण करने की घटना का उल्लेख है सारी पुत्र प्रकरण यह नाटक ग्रंथ है इसमें सारी पुत्र के द्वारा बुद्ध धर्म बुद्ध का शिष्य बनने की मटकी चित्रण किया गया है महात्मा बुद्ध ने सारे पुत्र को बौद्ध धर्म का सेनापति कहा है कनिष्क के दरबार में रहते हुए नागार्जुन ने बौद्ध साहित्य की रचना की है जो माध्यमिक कार्य और प्रज्ञा पर मिटा सूत्र है नागार्जुन को भारत का आइंस्टीन बोला जाता है इन्होंने अपनी पुस्तक माध्यमिक तारीख में सापेक्षता का सिद्धांत दिया है।