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पागलपन या जुनून ? पिता को खोया, हाथ टूटा, फिर भी बना इंटरनेशनल आर्टिस्ट #DELIYANSH_PADDA #artist छत्तीसगढ़ के कांकेर जिला अंतर्गत भानुप्रतापपुर के एक 18 साल के लड़के की कहानी जिसका नाम है डेलियान्श पद्दा है...जब वह 5 साल का था, तभी उसके पिता का निधन हो गया। घर में कोई कमाने वाला नहीं था। माँ खेत में काम करती और एक छोटी सी दुकान चलाती थी, बस उसी से घर चलता था। मम्मी का सपना यही था कि बेटा पढ़-लिखकर एक अच्छी जॉब करे, लेकिन इस लड़के के अंदर एक अलग आग जलती थी...आर्टिस्ट बनने की आग। नगर वाले कहते थे" लड़का पागल हो गया है, आर्टिस्ट बनकर क्या करेगा ?" दोस्त भी छोड़ कर चले गए। स्कूल भी उसकी आर्ट को सपोर्ट नहीं करता था, लेकिन उसका भरोसा नहीं टूटा। एक दिन चाचा ने उसे टोका तो डेलियान्श ने पूरी सच्चाई से कहा... कि"मुझे एक बहुत बड़ा आर्टिस्ट बनना है।" बस, वहीं से ज़िंदगी बदल गई.. इस बीच 11वीं क्लास में उसका एक्सीडेंट हो गया और हाथ फ्रैक्चर हो गया। सबने कहा"आर्ट छोड़ दे, पढ़ाई कर," लेकिन उसने खुद को रोका नहीं। उसने घर छोड़ दिया। न पैसे, न फोन, न आर्ट मटेरियल सिर्फ एक भरोसा कि मुझे खुद को साबित करना है। वह दिल्ली में रहा, फिर धमतरी कुरुद गया, जहाँ एक अवध सर ने उसे गाइड किया। और फिर आया वो दिन जिसने उसका जीवन बदल दिया। 1500 लोगों का कॉम्पिटिशन हुआ और डेलियान्श फर्स्ट आया। वहीं से उसकी ताकत और कॉन्फिडेंस वापस आया। उपलब्धियाँ आज इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में भी उसका नाम शामिल है। उसे 'इंडियाज़ गॉट टैलेंट' से कॉल आ चुका है। कलकी वर्ल्ड रिकार्ड में भी नाम दर्ज है वह अब तक 25 कॉम्पिटिशन में गया और हर जगह पहली पोजीशन हासिल की। आज लोग कहते हैं"भाई, तू हमारा इंस्पिरेशन है, हम तुझ जैसा बनना चाहते हैं।" लेकिन डेलियान्श सिर्फ इतना कहता है"मैं बस अपने पापा का नाम रोशन करना चाहता हूँ।" वर्तमान में डेलियान्श इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ में अध्ययनरत हैं और भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला को स्थापित करने का सपना देख रहे हैं। दोस्तों यह कहानी उस लड़के की है जिसे दुनिया ने पागल कहा, मगर उसने दुनिया को साबित कर दिया कि जुनून हो तो कुछ भी मुमकिन है।