У нас вы можете посмотреть бесплатно पौष के अलूने रविवार की कथा | paush ke alune ravivar ki katha | पौष रविवार व्रत | paush ravivar vrat или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
यह व्रत पौष के महीने के प्रत्येक रविवार को रखा जाता है। इस दिन भोजन में नमक का प्रयोग नहीं करते हैं तथा एक समय भोजन करके उपवास किया जाता है। यह व्रत महिलाएँ तथा कन्याएँ दोनों ही करती हैं। जो महिलाएँ वर्ष भर के रविवार का व्रत करना चाहती हैं, वे इसी माह से रविवार के व्रत प्रारंभ करती हैं। अलूने रविवार के व्रत में विशेष रूप से दूध भात (चावल) या खीर ही खाई जाती है। कोई-कोई महिलाएँ केवल एक ही प्रकार का अन्न खाती है, वह भी बिना नमक वाला। इस व्रत को करने वाली कन्याएँ और महिलाएँ सिर धोकर, स्नान करके, शिव-पार्वती की पूजन करके, सूर्य को अर्ध्य देती हैं और सूर्य की पूजन करती हैं। 5 वर्ष तक व्रत करने के बाद इस व्रत का उद्यापन किया जाता है। पाँचवें वर्ष कन्याएँ पांच कन्याओं को और महिलाएँ पांच सुहागिन महिलाओं को भोजन कराती हैं, यहाँ ध्यान रहे कि उन्हें अलूना खिलाने की आवश्यकता नहीं होती है। इसके बाद अपनी श्रद्धा अनुसार उन्हें दक्षिणा देकर व्रत का उद्यापन पूरा करती हैं। आइए इस वीडियो में सुनते हैं पौष रविवार व्रत की कथा