У нас вы можете посмотреть бесплатно Delhi AQI फर्जीवाड़ा? Monitor के पास लगातार पानी का छिड़काव — घटा प्रदूषण या आंकड़े? или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
#airpollution #airquality #delhiairpollution दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच प्रदेश सरकार पर उससे निपटने का दवाब भी बढ़ रहा है. इस बीच न्यूज़लॉन्ड्री ने पाया कि दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण को जांचने वाले एक्यूआई डाटा में हेर-फेर के तरीके ढूंढ रही है. अपनी जमीनी पड़ताल में हमने पाया कि दिल्ली के जहांगीरपुरी स्थित आईटीआई में लगे एक एक्यूआई मॉनिटर की 20 मीटर की परिधि में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की ओर से पानी के टैंकर्स लगातार छिड़काव कर रहे हैं. विभाग की तरफ से टैंकर लेकर आए ड्राइवर ने बताया कि उनकी ओर से सुबह 11 बजे से लेकर शाम के 5:00 तक पानी का छिड़काव किया जा रहा है. मालूम हो कि जहांगीरपुरी, दिल्ली सरकार ने उन 13 इलाकों में से एक है, जिन्हें प्रदूषण के केंद्र (पॉल्यूशन हॉटस्पॉट) के रूप में पहचाना गया है. ऐसे इलाकों से प्रदूषण कम करने के लिए सरकार ने विशेष कार्ययोजना (एक्शन प्लान) की भी घोषणा की हुई है. हालांकि, हमें अपनी पड़ताल में यहां प्रदूषण को कम करने के उपायों पर काम होने की बजाए उसे जांचने-परखने वाली तरीके से ही छेड़छाड़ की कोशिश दिखी. एक्यूआई मॉनिटर के पास पानी का छिड़काव करने से वायु प्रदूषण के आंकड़ों पर क्या कोई प्रभाव पड़ता है? पर्यावरणविद् विमलेंदु झा ने इस सवाल पर कहा, “मॉनिटर के पास पानी का छिड़काव करने से वह हवा में मौजूद प्रदूषित कणों का आंकड़ा कम दिखाएगा. दिल्ली की हवा में करीब 40 फीसदी धूल के कण हैं. ऐसे में अगर मॉनिटर के पास लगातार पानी का छिड़काव होगा तो वह कण जमीन पर बैठ जाएंंगे और आंकड़ा भी उसी हिसाब से दर्ज होगा. फिलहाल, यह तो नहीं कहा जा सकता कि इससे आंकड़े में कितना हेर-फेर दिखेगा लेकिन ये जरूर है कि आंकड़ा कम ही दर्ज होगा” साथ ही झा एक चेतावनी भी देते नजर आते हैं कि मॉनिटरिंग स्टेशन के पास पानी के छिड़काव से जो आंकड़ा छुपाया जा रहा है उसके दूरगामी परिणाम, जो कि लोगों के स्वास्थ्य पर नजर आएंगे वह भयावह होंगे. साथ ही इसका दुष्प्रभाव आने वाले वक्त में नीति निर्माण में भी दिखेगा. वहीं, जब हमने स्थानीय लोगों से बात की तो पता चला कि जहांगीरपुरी के कुछ इलाकों में एंटी स्मॉग गन के जरिए पानी का छिड़काव होता है और कुछ इलाकों में नहीं होता है. स्थानीय निवासी रमेश कुमार कहते हैं कि सड़क से काफी धूल उड़ती है. अगर वो सड़क की तरफ खड़े हो जाएं तो आंखों में तेज जलन और गले में दर्द होने लगता है. वहीं, एक अन्य दुकानदार अमित मंडल बताते हैं कि उनके उनके इलाके में दिन में दो बार टैंकर से छिड़काव किया जाता है लेकिन वह नाम मात्र का होता है क्योंकि टैंकर से छिड़काव करने के बाद भी धूल नहीं जमती. जहांगीरपुरी में एक्यूआई मॉनिटरिंग स्टेशन के पास पीडब्ल्यूडी के टैंकर लगातार पानी का छिड़काव क्यों कर रहे हैं? क्या इसके लिए उन्हें पीडब्ल्यूडी की तरफ से कोई आदेश दिया गया है? ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब जानने के लिए हमने विभाग के मंत्री प्रवेश सिंह वर्मा से बात करने की कोशिश की. उनके मीडिया सलाहकार अनिमेश चौधरी ने कई कोशिशों के बावजूद भी न तो सवालों का जवाब दिया और न ही उनसे संपर्क करवाया. फिलहाल हमने अपने सारे सवाल मंत्री प्रवेश वर्मा को ई-मेल पर भेज दिए हैं. वीडियो रिपोर्ट प्रकाशित होने तक जवाबों का इंतजार है. देखिए हमारी ये खास रिपोर्ट. Subscribe to Newslaundry: https://rzp.io/rzp/nlsm Join the #FightToBreathe: https://rzp.io/rzp/T4Ob0FCb Power our coverage of the Bihar elections: https://rzp.io/rzp/bhrsm Download the accessible Newslaundry app: https://www.newslaundry.com/download-app Join us on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va61... Follow and engage with us on social media: Facebook: / newslaundry Twitter: / newslaundry Instagram: / newslaundry