У нас вы можете посмотреть бесплатно Parasnath hill Jharkhand 📍 मानसून के मौसम में पारसनाथ हिल का ख़ूबसूरत नज़ारा 🍃 или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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नमस्कार दोस्तों! इस व्लॉग में हम आपको ले चलेंगे एक पवित्र और रोमांचकारी यात्रा पर — पारसनाथ पहाड़ी (सम्मेद शिखरजी) की ओर, जो झारखंड की सबसे ऊँची और जैन धर्म की सबसे पवित्र स्थलों में से एक है।💗 पारसनाथ पहाड़ी, जिसे श्री सम्मेद शिखर भी कहा जाता है, झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले में स्थित है। यह पहाड़ी झारखंड की सबसे ऊँची चोटी है, जिसकी ऊँचाई लगभग 1,365 मीटर (4,478 फीट) है। यह स्थान जैन धर्म के लिए अत्यंत पवित्र है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि 24 में से 20 तीर्थंकरों ने यहीं मोक्ष प्राप्त किया था। घने जंगलों, शांत वातावरण और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर यह स्थल न केवल तीर्थयात्रियों के लिए, बल्कि प्रकृति प्रेमियों और ट्रेकिंग करने वालों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। यहाँ तक पहुँचने के लिए मधुबन गाँव से ट्रेकिंग रूट द्वारा पैदल यात्रा की जाती है, जो अत्यंत सुंदर और शांतिपूर्ण अनुभव प्रदान करता है। यह पहाड़ी न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता का एक शानदार उदाहरण भी है। Parasnath kaise phuche Parasnath kaha haii Parasnath hill ki uchai kitni haii Parasnath jane ke liye sabse best time #ParasnathHill #सम्मेदशिखर #JainTeerth #JainYatra #ShrikshaParvat #SpiritualJourney #TeerthYatra #ParasnathTrek #MadhubanYatra #JharkhandTourism #JainPilgrimage #HillTrekIndia #JainReligion #Tirthankara #PeacefulTravels झारखंड का पारसनाथ पहाड़ पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। पारसनाथ झारखंड के गिरिडीह जिले से 38 km दूर है । दरअसल, पारसनाथ पहाड़ जैन धर्मावलंबियों के लिए प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है. यहां हर साल लाखों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं । पारसनाथ दुनिया का इकलौता ऐसा स्थान है, जहां 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्त किया था. जैन धर्म शास्त्रों में वर्णन है कि जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में से प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ अर्थात भगवान ऋषभदेव ने कैलाश पर्वत पर, 12 वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य ने चंपापुरी में, 22वें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ ने गिरनार पर्वत और 24 वें तीर्थंकर तथा अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर ने बिहार स्थित पावापुरी में मोक्ष प्राप्त किया. बाकी अन्य सभी 20 तीर्थंकरों ने पारसनाथ की धरती पर ही मोक्ष प्राप्त किया है. उन्हीं 20 तीर्थंकरों से संबंधित यहां मंदिरों का एक समूह है. इसलिए जैन धर्म के लोग पारसनाथ को "मोक्ष द्वार" भी कहते हैं. ⛰️पारसनाथ मंदिर कैसे पहुंचें: 🚆 वायु द्वारा परसनाथ में हवाई अड्डा नहीं है। निकटतम हवाई अड्डा रांची हवाई अड्डा है। जो कि पारसनाथ से 141 किमी दूर है । 🚄 ट्रेन द्वारा रेलवे स्टेशन परसनाथ के लिए आपको काफी सारे ट्रेन मिल जाएगी , देश के अन्य प्रमुख शहरों से यहां तक आ सकते है 🚕 सड़क के द्वारा पारसनाथ से 38 km दूर गिरिडीह , पारसनाथ से 54 km दूर बोकारो स्टील सिटी, पारसनाथ से 38 km दूर हजारीबाग , पारसनाथ से 56km दूर धनबाद, पारसनाथ से 141 km दूर रांची । #parasnath #monsoon2025 #vlog #monsoontravel