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इस संसार की चकाचौंध, पद–प्रतिष्ठा और धन-दौलत का नशा पलभर का है। जो सुकून हरि चरणों में मिलता है, वो सुकून न महलों में है, न जागीरी में, न व्यापार में। “मैं रम गया यार फ़कीरी में” यह भजन उसी वैराग्य, उसी आत्मबोध और उसी कबीरपंथी चेतना की आवाज़ है, जहाँ इंसान “मैं” को छोड़कर राम नाम में रम जाता है। इस भजन में बताया गया है कि— राजा हो या रंक, हीरे–मोती हों या खाली हाथ, अंत समय में साथ चलता है तो सिर्फ राम नाम। संतों की फ़कीरी कोई मजबूरी नहीं, बल्कि सबसे बड़ी अमीरी है। जहाँ न भय है, न लोभ, न दिखावा — बस हर पल हरि का सुमिरन। अगर यह भजन आपके मन को छुए, तो समझिए आप भी फ़कीरी के रास्ते पर एक कदम आगे बढ़ चुके हैं। 🙏 राम नाम ही सत्य है 🙏 फ़कीरी में ही असली सुख है भजन अच्छा लगे तो 👉 Like करें 👉 Share करें 👉 Channel को Subscribe करें ताकि ऐसी ही कबीरपंथी वाणी आप तक पहुँचती रहे। #मैं_रम_गया_यार_फ़कीरी_में #KabirBhajan #KabirPanthiBhajan #KabirSaheb #KabirVani #SantKabir #NirgunBhajan #RamNaam #RamBhajan #FakiriBhajan #IndianSpiritualMusic #BhaktiBhajan #SantVani #KabirKeBhajan #TrendingBhajan #ViralBhajan #HindiBhajan #Bhajan2025