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#lawupdates #chargesheet रिमांड चार्जशीट और जमानत,किन मामलों में आरोपी को कितने दिनों तक रिमांड पर लिया जा सकता है, Law updates रिमांड, चार्जशीट और जमानत !! किन मामलों में आरोपी को कितने दिनों तक रिमांड पर लिया जा सकता है और चार्जशीट न होने पर जमानत मिलने का क्या प्रावधान है? रिमांड का चक्कर किसी मामले में की गई गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसी पूछताछ के लिए आरोपी को रिमांड पर ले सकती है। आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में पेशी के बाद 14 दिनों तक पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जा सकता है। हालांकि जांच एजेंसी को अदालत को बताना होता है कि किस कारण रिमांड चाहिए। इसके लिए उसे अदालत के सामने तथ्य पेश करने होते हैं और अदालत जब जांच एजेंसी की दलीलों से संतुष्ट होती है, तभी आरोपी को रिमांड पर भेजा जाता है। पुलिस रिमांड पर लिए जाने के बाद अगर आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाए और दोबारा जांच में कोई नया तथ्य सामने आ जाए और आरोपी से दोबारा पूछताछ की जरूरत हो तो आरोपी को दोबारा रिमांड पर लिया जा सकता है लेकिन यह सब गिरफ्तारी के 14 दिनों के भीतर ही हो सकता है, उसके बाद नहीं। अगर गिरफ्तारी के 14 दिनों बाद जांच एजेंसी को कोई पूछताछ करनी है तो वह अदालत की स्वीकृति मिलने के बाद आरोपी से जेल में पूछताछ कर सकती है। कब मिलेगी जमानत पुलिस रिमांड के बाद आरोपी को जब तक जमानत न मिले, उसे न्यायिक हिरासत में रखने का प्रावधान है। चार्जशीट दाखिल होने तक आरोपी की न्यायिक हिरासत 14-14 दिनों के लिए बढ़ाई जाती है, जबकि चार्जशीट दाखिल होने के बाद न्यायिक हिरासत की अवधि मुकदमे की तारीख के हिसाब से बढ़ाई जाती है। सीआरपीसी की धारा-167 (2) के तहत समय पर चार्जशीट दाखिल न किए जाने पर टेक्निकल ग्राउंड पर जमानत दिए जाने का प्रावधान है। अगर आरोपी के खिलाफ ऐसा मामला दर्ज हो, जिसमें 10 साल कैद से कम सजा का प्रावधान है तो टेक्निकल ग्राउंड पर आरोपी को जमानत दिए जाने का प्रावधान है, बशर्ते जांच एजेंसी ने आरोपी की गिरफ्तारी के 60 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं की हो। 10 साल कैद या उससे ज्यादा सजा वाले मामले में अगर गिरफ्तारी के 90 दिनों के भीतर आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की जाती, तो जमानत मिल जाती है। वहीं मकोका मामले में गिरफ्तारी के 30 दिनों तक पुलिस रिमांड पर लिए जाने का प्रावधान है। ऐसे मामले में अगर आरोपी के खिलाफ दर्ज केस में 10 साल से कम सजा का प्रावधान है तो चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 दिनों का समय होता है। इस अवधि में चार्जशीट नहीं होने पर आरोपी को जमानत मिल जाती है। 10 साल से ज्यादा सजा वाले मामले में 180 दिनों तक चार्जशीट दाखिल नहीं होने पर जमानत दिए जाने का प्रावधान है। !! Disclaimer- Some contents are used for educational purpose under fair use. Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for "fair use" for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use. All credit for copyright materiel used in video goes to respected owner. Some keywords:- रिमांड चार्जशीट और जमानत,किन मामलों में आरोपी को कितने दिनों तक रिमांड पर लिया जा सकता है,law updates,remand chargesheet aur jamanat,kin mamlo me aaropi ko kitne dino tak remand par rakha jata hai,aaropi ko kitne din ka remand diya jata hai,police chargesheet kitne dino me pesh karti hai,police chargesheet me kya kya likhti hai,apradhi ko remand kaise diya jata hai,chargesheet kitne din me dakhil hoti hai,aaropi ko jamanat kaise di jati hai,jamanati ke aadhar,jamanat kon de sakta hai,jamanat kaise karvayi jati hai, Thanks for watching:-😊😊😊