У нас вы можете посмотреть бесплатно || श्री शिव ध्यान मंत्र || यस्याग्रे द्राट द्राट द्रुट द्रुट..( पूर्ण मंत्र ) | Extreamly Powerful | или скачать в максимальном доступном качестве, которое было загружено на ютуб. Для скачивания выберите вариант из формы ниже:
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#Shiv #mantra #shiva #shivratri || श्री शिव ध्यान मंत्र || ॐ डिं डिं डिंकत डिम्ब डिम्ब डमरु, पाणौ सदा यस्य वै | फुं फुं फुंकत सर्पजाल हृदयं , घं घं च घण्टा रवम् ॥ वं वं वंकत वम्ब वम्ब वहनं , कारुण्य पुण्यात् परम् ॥ भं भं भंकत भम्ब भम्ब नयनं , ध्यायेत शिवम् शंकरम्॥ यावत् तोय धरा धरा धर धरा ,धारा धरा भूधरा ॥ यावत् चारु सुचारु चारू चमरं , चामी करं चामरं ॥ यावत् रावण राम राम रमणं , रामायणे श्रुयताम्॥ तावत् भोग विभोग भोगमतुलम् यो गायते नित्यस:॥ यस्याग्रे द्राट द्राट द्रुट द्रुट ममलं , टंट टंट टंटटम् ॥ तैलं तैलं तु तैलं खुखुखुखु खुखुमं , खंखखंख सखंखम्॥ डंस डंस डुडंस डुहि चकितं , भूपकं भूय नालम् ॥ ध्यायस्ते विप्रगाहे सवसति सवलः पातु वः चंद्रचूडः ॥ गात्रं भस्मसितं सितं च हसितं हस्ते कपालं सितम् ॥ खट्वांग च सितं सितश्च भृषभः , कर्णेसिते कुण्डले । गंगाफनेसिता जटापशु पतेश्चनद्रः सितो मूर्धनि । सोऽयं सर्वसितो ददातु विभवं , पापक्षयं सर्वदा ॥ ॥ इति शिव ध्यानम् ॥