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🕉️ शिव–पार्वती विवाह की यह दिव्य कथा आपके जीवन में प्रेम, शक्ति और आशीर्वाद भर दे। इस वीडियो में सुनिए — ✨ माता पार्वती की तपस्या ✨ भगवान शिव का आगमन ✨ पावन विवाह का अद्भुत क्षण ✨ भक्ति, प्रेम और श्रद्धा से भरी पौराणिक कथा यह कथा सुनने मात्र से… 🌸 मन में शांति आती है 🌸 घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है 🌸 शिव–शक्ति का दिव्य आशीर्वाद मिलता है 🙏 हर सोमवार अवश्य सुनें। 👉 LIKE | SHARE | COMMENT करना न भूलें 👉 चैनल SUBSCRIBE करके बेल आइकॉन दबाएँ 🔔 जय भोलेनाथ! हर हर महादेव! #ShivVivah #ShivParvatiVivah #ShivVivahKatha #ShivaParvati #Mahadev #BhaktiKatha #ShivParvatiMarriage #ShivShakti #HinduMythology #DevotionalStory #HarHarMahadev #BholeNath Lyrics: ओम् नमः शिवाय… हर-हर महादेव… भोले शंकर… जय जय गिरिजानन्दन… --- 🌼 भाग 1 : शिव तप की कथा (आरंभ) सतयुग की वो पावन बेला, जब पर्वत पर महादेव, घोर तपस्या में लीन हुए थे, मन में गहरा योग-सेव। पार्वती भी जन्मी तब ही, हिमगिरि की वह लाडली, हर क्षण भोले को याद करें, भक्ति उनका कण-कण भरी। हर-हर शंभू… शंकर शंभू… तपन में रमे त्रिपुरारी… हर-हर शंभू… शंकर शंभू… जग के दुखहरनहारी… --- 🌼 भाग 2 : पार्वती का संकल्प कैलाश के उस शांत शिखर पर, माता का प्रण अद्भुत था। जो जन्मों से आराध्य मेरे, उनसे ही बंधेगा जीवन-संबंध था। कंकण बांध कर मन में व्रत, किया कठोर उपवास भी। फूलों से सज कर ध्यान लगाया, हर पल कहा – “मेरे शिव भी।” जय जय पार्वती माता… भोले की मनभावन प्रिया… जय जय पार्वती माता… तुम बिन अधूरे शंकर जिया… --- 🌼 भाग 3 : विवाह प्रस्ताव और नारद की वाणी नारद आये हिमगिरि-द्वारे, बोले – “सुना है इच्छा है? पार्वती का संग तुम्हारी बेटी, शिव से ही होना निश्चय है।” हिमगिरि ने सिर झुका कहा, “देव! वर तो महान है। पर शंकर का रूप भयंकर, क्या समाज स्वीकार करेगा?” नारद मुस्काए धीरे बोले – “शिव रूप में नहीं, भाव में देखो। जिनका मन पारस-सा उजला, उनके संग कन्या को लेखो।” भोलेनाथ शीतल छाया… भस्म-लेप में प्रेम समाया… जय शिव शंकर जय त्रिलोक… सबको अपनाने वाले… --- 🌼 भाग 4 : शिव की बारात (सबसे मनोरंजक भाग) घंटियाँ बज उठीं कैलाश की, डमरू की गूँज चली। नंदी आगे डोल रहे थे, हँसते भूत-गण सब चले। किसी ने ताली बजा बजाकर, अच्छी मंगल धुन छेड़ी। किसी ने नेत्रों में दीप जगा, हँसते-गाते टोली बढ़ी। वर शंकर का रूप अनोखा, जटाधारी, गंगा धारा। कपालों की माला पहने, चाँद लिए मस्तक तारा। भोले शंकर की बारात… देव-गण करते जयकार… आओ देखो पावन लीला… शिव-शक्ति का मंगल-कार… --- 🌼 भाग 5 : पार्वती का श्रृंगार और स्वागत पार्वती बैठीं कक्ष में अपने, माताएँ उनको सजा रहीं। कहीं मेंहदी, कहीं काजल-टीका, कहीं केशों में फूल खिले। देव-कन्याएँ गीत सुनाएँ, “माता, आज शुभ घड़ी आई… जिसके लिए जन्म-जन्म का तप, वह प्रतीक्षा बनकर आई…” स्वागत को हिमगिरि निकले, बारात को प्रणाम किया। भोले ने भी झुक कर देखा, “हे जनक, आपका स्नेह दिया।” शिव–शक्ति का पावन मिलन… जग में सबसे महान मिलन… जय जय पार्वती शंकर… धरती पर आया वरदान मिलन… --- 🌼 भाग 6 : विवाह का पावन क्षण यज्ञ-कुंड में अग्नि जली थी, मंत्रों की ध्वनि गूँज रही। वरशंकर बैठे शांत भाव से, पार्वती ने चितवन दी। सप्तपदी के पवित्र चरण में, दोनों ने प्रतिज्ञाएँ लीं। “धर्म, प्रेम, करुणा, सेवा”— सब प्रतिज्ञाएँ पूर्ण कीं। देवों ने पुष्प-वृष्टि की, लगा मानो स्वर्ग उतरा। धरती पर भी आनंद बरसा, शिव–शक्ति का संग बना। हर-हर भोले… हर-हर गंगे… जय जय जगदंबे माता… शिव–शक्ति की अमर कहानी… जय हो त्रिलोक के दाता… --- 🌼 समापन (मधुर कोरस) शिव विवाह की कथा निराली, जो प्रेम से गाता है। भोलेनाथ की कृपा अपार, जीवन में सुख पाता है। हर-हर महादेव… हर-हर महादेव… जय शिव शंकर देव… जय माता पार्वती…