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Place: अमेठी ब्यूरो रिपोर्ट चार दिनों से सत्तर वर्षीय मां का पार्थिव शव दरवाजे पर मुंशीगंज थाना क्षेत्र के बंदोइया गांव का मामला हिंदू रीति रिवाज से बेटे को ही है मां के अंतिम संस्कार का अधिकार एंकर:-यूपी की अमेठी से मानवता को तार तार कर देने वाली खबर सामने आ रही हैचार दिनों से सत्तर वर्षीय इसराजी का पार्थिव शव घर के दरवाजे पर रखा हुआ है। ठंड मौसम के बावजूद शव को रोकने के लिए बर्फ भी लगाई गई है। बावजूद इसके अब शव से दुर्गन्ध आने लगी है। रिश्तेदार और आस पड़ोस के लोगों का तांता भी लगा है।लेकिन शव का अंतिम संस्कार नही हो रहा। वजह है इकलौते बेटे राजेश को पुलिस ने दो माह पूर्व हत्या के एक मामले में जेल भेज दिया है, परिजनो की मांग है कि प्रशासन उसे पैरोल दे ताकि वो मां को मुखाग्नि दे सके। ये मामला केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी के मुंशीगंज थाना क्षेत्र के बंदोइया गांव का है। परीजनो ने डीएम साहब से परसों ही मुलाकात किया था उन्होंने पहले तो कहा कि 72 घंटे का हमको पावर है हम 72 घंटे का पैरोल दे दे रहे हैं वो अंतिम संस्कार करें और वापस जेल चले जाएंगे। लेकिन रात में डीएम साहब ने कुछ कानूनों का हवाला देकर मनाकर दिया। उन्होंने सजायाफ्ता कैदियों का हवाला देकर मना किया। तब से कल भी हमने प्रयास किया, पांच बार उनके स्टेनो से बात हुई। लेकिन बाद में उन्होंने हमारा फोन आटो रिजेक्ट पर लगा दिया। फोन उठकर के अपने आप कट जा रहा है। आज डीएम साहब से कोई बात नही हो पाई। अब हम इंतेजार कर रहे हैं इसके अलावा कोई विकल्प नही है, क्योंकि हिंदू रीति रिवाज से बेटे को ही अधिकार है मां के अंतिम संस्कार करने का। हम उम्मीद कर रहे हैं प्रशासन हमारी सुनेगा और इनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था कराएगा। आखिर जब डीएम साहब अब परिजनों का फोन उठाना मुनासिब नही समझ रहे है तो जिले के अन्य अफसरों का क्या हाल होगा? ब्यूरो रिपोर्ट दस्तक़ भारत