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महाराजा बिजली पासी का इतिहास आप सभी लोग अच्छी तरीके से जान चुके हैं आज की वीडियो महाराजा बिजली पासी के इतिहास में एक और कड़ी जोड़ने जा रही है आखिर बिजली पासी के बाद क्या हुआ तो मैं आपको बता दूं कि महाराजा बिजली पासी के बाद इसकी कहानी भी कम रोचक नहीं है शहादत खान बुरहान मुल्क मोहम्मद आमीन का निकाह अकबराबाद आगरा के सूबेदार बेटी से हुआ और नजराने में राजा बिजली पासी का किला निकाह में जलालुद्दीन का खिताब भी दिए जाने पर उस समय से बिजली पासी के लिए का नाम किला (जलालाबाद ) के नाम से पुकारा जाने लगा ऐसा भी मत है कि राजा बिजली के दुर्ग में अमीर बिन कासिम ने अपने दामाद जलालुद्दीन को नजरबंद कर दिया था इसलिए इसको किला जलालाबाद कहा जाने लगा आगे चलकर नवाबों की आपसी अनबन से मोहम्मदी बेगम किले के पास की बस्ती में रहने लगी लोग इस बस्ती को मोहम्मदी नगर के नाम से पुकारने लगे थे साथ ही कहने लगे थे सो जाओ गुलाम मोहम्मद कुली खान को मोहम्मद कुली खा को अपना पुराना दुश्मन जानकर कत्ल करवा दिया और उसकी लाश किले के बीच बने कुएं में डलवा दिया सफदरजंग को अवध की सूबेदारी मिलने पर शहर में 3 मील की दूरी पर स्थित बिजली गढ़ को अधिकार में लेकर जलालाबाद को नए सिरे से बनवाया बाद में बाद में कैंपबेल ने अवध को हड़पने के लिए उस समय बिजली पासी र किले किला जलालाबाद को अपने अधिकार में ले लिया और सैनिक छावनी बना लिया सन , 1857 में इस किले के चारों ओर कैंप डालकर अंग्रेजों ने अपना फौजी अड्डा बनाया था इसका अट्ठारह सौ सत्तावन में लेफ्टिनेंट कर्नल हडसन द्वारा खींचा गया तत्कालीन चित्र राज्य संग्रहालय में उपलब्ध पुस्तक सिटी ऑफ लखनऊ में दर्शित है और आपको बता दूं 1857 में अंग्रेजों ने ध्वस्त कर दिया मात्र इस इस बात से कि विद्रोही सेना ने जब कुछ समय के लिए लखनऊ पर कब्जा कर लिया तो अंग्रेजों को कहीं ना कहीं विद्रोही सेना के द द्वारा इस किले को भी अपने अधिकार में लेने कि आशंका थी यदि इस किले को विद्रोही सेना अधिकार में ले लेगी तो कानपुर से आने वाली सहायता उस तक पहुंचने में बड़ी मुश्किल होगी इसलिए अंग्रेजों ने इसके लिए को तोड़ दिया था और आज भी अवशेष के रूप में देखे जा सकते हैं जो आज पासी समाज द्वारा इस किले की देखरेख की जा रही है #maharajabijalipasi #pasiqila -------------------------------------------------------------------- http