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Robert Goldman is considered the most prestigious Sanskrit scholar of the past 50 years in the Western academy. This is the first part of a 3-part series in which Nityanand Misra dissects Goldman's translations of Ramayana. This is in line with the Indian tradition of commentaries and critiques of prior scholars. Goldman's Ramayana translations are used worldwide as the standard interpretation by English speaking academics. Interestingly, the Modi government's Indian Council of Cultural Relations (part of Ministry of External Affairs) gave Goldman the highest Sanskrit award in 2017. The Indian government specifically cited his Ramayana translation as the accomplishment for which we was given this award. Certainly, Indian Sanskrit experts should offer their critical purva-paksha of such a Bhishma Pitama of Western Indology. Nityanand Misra shows that Gita Press' translation is far superior. Watch the previous video from this series, “Open Challenge to Devdutt Pattanaik” here: https://bit.ly/2Sl4ikx To donate to Infinity Foundation’s projects including the continuation of such episodes and the research we do: इनफिनिटी फ़ौंडेशन की परियोजनाओं को अनुदान देने के लिए व इस प्रकार के एपिसोड और हमारे द्वारा किये जाने वाले शोध को जारी रखने के लिए: http://infinityfoundation.com/donate-2/ To Subscribe to Rajiv Malhotra Official: राजीव मल्होत्रा ऑफिसियल की सदस्यता लेने के लिए: / @rajivmalhotraofficial Join Rajiv's discussion (राजीव की चर्चा से जुडें): https://groups.google.com/d/forum/inf... "रॉबर्ट गोल्डमैन बनाम गीता प्रेस" - नित्यानंद मिश्रा रॉबर्ट गोल्डमैन को पश्चिमी शिक्षाजगत में पिछले 50 वर्षों का सबसे प्रतिष्ठित संस्कृत विद्वान माना जाता है । यह 3 भागों की श्रृंखला का पहला भाग है जिसमें नित्यानंद मिश्रा गोल्डमैन के रामायण के अनुवादों का विश्लेषण करते हैं । यह पूर्ववर्ती विद्वानों की टिप्पणियों और आलोचनाओं भारतीय परंपरा के अनुरूप है । गोल्डमैन के रामायण के अनुवाद विश्व भर में अंग्रेजी बोलने वाले शिक्षाविदों द्वारा मानक व्याख्या के रूप में उपयोग किए जाते हैं । रोचक बात यह है कि मोदी सरकार के भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (विदेश मंत्रालय का अंग) ने 2017 में गोल्डमैन को सर्वोच्च संस्कृत पुरस्कार दिया । भारत सरकार ने विशेष रूप से उनके रामायण अनुवाद का उल्लेख किया था जिसके लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया गया था । निश्चित रूप से, भारतीय संस्कृत विशेषज्ञों को पश्चिमी इंडोलॉजी के ऐसे भीष्म पितामह के अपने आलोचनात्मक पूर्व-पक्ष प्रस्तुत करने चाहिए । नित्यानंद मिश्रा दर्शाते हैं कि गीता प्रेस का अनुवाद कहीं अधिक श्रेष्ठ है । #NityanandMisra #RobertGoldman #GitaPress