У нас вы можете посмотреть бесплатно भगवान राम को पुलिस ऐसे देती है रोजाना सलामी | Orchha| Raja Ram | Ayodhya или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
#Orchha #RajaRam #Ayodhya मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के ओरछा में भगवान राम का राजा के रूप में मंदिर है जहां आज भी उन्हें बंदूकों से सलामी दी जाती है। केवल ओरछा में ही भगवान राम को भगवान और राजा दोनों ही रूप में पूजा जाता है। उन्होंने राजा के रूप में बाकायदा गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया जाता है। ओरछा में रामराजा दरबार मंदिर भगवान राम राजा के रूप में पूजे जाते हैं। यही वजह है कि उन्हें यहां राजा के रूप में पूरा सम्मान दिया जाता है। परंपराओं के अनुसार आज भी यहां रामजी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। एक-दो नहीं बल्कि दिन में चार बार भगवान राम को यह सम्मान दिया जाता है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय मध्य प्रदेश पुलिस के जवान तो बंदूकों से सलामी भी देते हैं। गौरतलब है कि पुलिस द्वारा विशेष मौकों पर ही बंदूंकों से सलामी दी जाती है लेकिन रामराजा दरबार में भगवान राम के सम्मान में यह रोजाना आयोजन होता है। चैत्र नवरात्र में रामनवमी पर इस बार ओरछा में विशेष आयोजन किया जा रहा है। यहां पांच लाख दीपों से रोशनी की जाएगी। उज्जैन के महाकाल में जिस तरह रिकॉर्ड दीप जलाए गए थे, उसी तरह ओरछा रामनवमी पर दीपों से जगमगा उठेगा। यहां घाटों पर और घर-घर दीप जलाए जाने की योजना है। ओरछा में भी उज्जैन की तरह रिकॉर्ड दीपक जलाकर रोशनी करने की तैयारी है। इसके लिए पांच हजार वॉलेंटियर्स नियुक्त किए गए हैं जिन्हें दीपक जलाने की विशेष ट्रेनिंग दी गई है। इस दिन को ओरछा दिवस के रूप में मनाया जाएगा। सभी मंदिरों और सभी बिल्डिंग में सजावट की जाएगी। ओरछा में रामलीला का आयोजन भी होता है जो कोरोना की वजह से दो साल बाद बड़े रूप में हो रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आमजन से रामनवमी पर दीपों से रोशनी करने का आव्हान किया है। मुख्यमंत्री चौहान की मंशा के मुताबिक रामनवमी को ओरछा में भगवान राम को समर्पित प्राकट्य पर्व का चार अप्रैल को शुभारंभ हुआ था।