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झारखंड (Jharkhand) के सियासी आसमान पर मंडरा रहे बादल के बीच हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार ने बीजेपी (BJP) को एक जोर का झटका दिया है. सोरेन ने ठान लिया है कि तू डाल-डाल, तो मैं पात-पात. मजबूत राजनीतिक इच्छा शक्ति कहें या मजबूरी, सोरेन सरकार (Soren Government) ने एक के बाद एक कई निर्णय लिए हैं, जो ये दर्शाता है कि सोरेन ने अब गेंद, केंद्र सरकार (Central Government) के पाले में डाल दी है. सोरेन कैबिनेट (Hemant Soren Cabinet) ने जो प्रस्ताव पास किया है उसके मुताबिक 1932 के खतियान (1932 Khatiyan) में जिनके नाम हैं वही झारखंड के मूल निवासी (Jharkhand Domicile) माने जाएंगे और उन्हीं को आरक्षण (Reservation) मिलेगा. लेकिन 1932 ही क्यों? और इसमें क्या पेंच हैं? क्यों ऐसे ही एक फैसले से झारखंड में हिंसा भड़क उठी थी? और क्यों सोरेन का ये फैसला बीजेपी को बैकफुट पर डाल रहा है...ये सब आज के वीडियो में. #1932khatiyan #hemantsoren #jharkhandnews क्विंट हिंदी की स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए. हमारे मेंबर बनिए: https://bit.ly/2mE6B8P आपके लिए जरूरी हर खबर क्विंट पर: https://hindi.thequint.com द क्विंट इंग्लिश में: https://www.thequint.com आपको बेहतरीन वीडियो मिलेंगे हमारे यू-ट्यूब चैनल पर: https://bit.ly/2x6pGVD आप क्विंट हिंदी को यहां भी फॉलो कर सकते हैं: फेसबुक:https://bit.ly/2LJfzLy ट्विटर: https://bit.ly/2nhoAlL इंस्टाग्राम: https://bit.ly/2NGHzRK टेलीग्राम: t.me/QuintHindi