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डॉ राममनोहर लोहिया का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कई दशकों तक स्वतंत्रता आन्दोलन का हिस्सा रहे लोहिया छोटी सी उम्र में ही भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शरीक हो गए थे। लोहिया 1934 में बनी ‘कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी’ के संस्थापक सदस्य थे। ‘कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी’के नेताओं में लोहिया के साथ जय प्रकाश नारायण, आचार्य नरेंद्रदेव और युसूफ मेहरअली जैसे स्वतंत्रता सेनानी शामिल थे। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में समाजवादियों ने अहम भूमिका निभाई। लोहिया उस वक़्त भूमिगत थे और उन्होंने कांग्रेस सोशलिस्ट नाम से एक रेडियो चलाया। 1944 में लोहिया गिरफ़्तार कर लिए गए और अंग्रेज़ों ने उन्हें लाहौर जेल में बंद कर दिया। क़रीब 2 साल तक जेल में बंद रहने के बाद लोहिया 1946 में रिहा हुए। लाहौर जेल में अंग्रेजों ने लोहिया को जमकर यातनाएं दीं, जिससे उनका स्वास्थ्य भी बिगड़ने लगा। जेल से छूट कर लोहिया स्वस्थ्य होने के मक़सद से गोवा के अपने एक दोस्त के घर गए। उन दिनों गोवा में पुर्तगाली शासन था। लोहिया को जब पता चला कि पुर्तगालियों ने गोवा में किसी भी तरह की सार्वजनिक सभा पर रोक लगा रखी है, तो जून 1946 में लोहिया ने एक जनसभा करके पुर्तगाली प्रतिबंध को चुनौती दे डाली और गोवा आंदोलन के प्रणेता बने। Anchor: क़ुरबान अली Guests: प्रो. आनंद कुमार, समाजशास्त्री प्रोफेसर प्रेम सिंह, दिल्ली विश्वविद्यालय Report: Anurag Pandey Graphics: Imran Khan