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🧔🏻♂️ आचार्य प्रशांत गीता पढ़ा रहे हैं। घर बैठे लाइव सत्रों से जुड़ें, अभी फॉर्म भरें — https://acharyaprashant.org/hi/enquir... 📚 आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं? फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?... 📲 आचार्य प्रशांत की मोबाइल ऐप डाउनलोड करें: Android: https://play.google.com/store/apps/de... iOS: https://apps.apple.com/in/app/acharya... 📝 चुनिंदा बोध लेख पढ़ें, खास आपके लिए: https://acharyaprashant.org/en/articl... ➖➖➖➖➖➖ #acharyaprashant वीडियो जानकारी: 10.11.23, बोध प्रत्यूषा, ग्रेटर नॉएडा न किसी काम में दिल लगता, न कोई काम पूरा होता (युवा हूँ, क्या करूँ?) || आचार्य प्रशांत (2023) 📋 Video Chapters: 0:00 - Intro 1:28 - महाभारत और गीता का संदर्भ 12:48 - पुरानी Movies के उदाहरण 22:38 - आम ज़िंदगी की एक कहानी 29:25 - आम आदमी इतनी मेहनत क्यों करता है? 38:02 - काम पूरा नहीं होता, बेईमानी या करना ही नहीं चाहते? 44:58 - भीतर आनंद है तो वो बाहर का कर्म बनेगा 47:19 - समापन विवरण: इस वीडियो में आचार्य जी ने काम करने के तरीके और आंतरिक विकास पर जोर दिया है। उन्होंने बताया कि जो काम चार घंटे में किया जा सकता है, उसे 14 घंटे में करने से वह बेहतर नहीं होता, बल्कि खराब हो जाता है। उन्होंने उदाहरण दिया कि ऑफिस में जो लोग अधिक समय तक काम करते हैं, वे असल में अपने काम से चोरी कर रहे हैं। असली मेहनत वह है जो समय पर और गुणवत्ता के साथ की जाए। आचार्य जी ने यह भी कहा कि आंतरिक विकास और आत्मज्ञान के बिना, बाहरी काम केवल दिखावे के लिए होते हैं। जब व्यक्ति अपने भीतर की समस्याओं को स्वीकार नहीं करता, तो वह बाहरी काम में उलझा रहता है। उन्होंने यह भी बताया कि एक व्यक्ति जो अपने काम को समय पर पूरा करता है, वह जीवन में बहुआयामी विकास कर सकता है। आचार्य जी ने यह भी कहा कि असली जीवन में आनंद तब आता है जब हम अपने भीतर से संतुष्ट होते हैं। जब हम अपने काम को बोझ के रूप में नहीं, बल्कि आनंद के रूप में करते हैं, तब वह काम सार्थक बनता है। प्रसंग: ~ क्यों हमारा काम समय पर पूरा नहीं हो पाता? ~ कैसे हमारा व्यक्तित्त्व बहुआयामी हो सकता है? ~ एक ही काम पर आवश्यकता से अधिक समय लगाना गलत क्यों है? ~ हमारी मूल समस्या कौनसी है? ~ हम क्यों आतंरिक कमजोरी को छिपाने के लिए इतनी मेहनत करते हैं? ~ क्यों हम बाहरी सफलता की आड़ में भीतरी विफलता छिपाते हैं? ~ मेहनत से पहले और ज़्यादा ज़रूरी क्या है? ~ काम का समय से पूरा होना ज़्यादा बड़ी समस्या क्यों है? ~ क्यों हम अपने सब अवतारों को बहुकला प्रवीण दिखाते हैं? संगीत: मिलिंद दाते ~~~~~