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बर्फीली ट्रैकिंग में बचना मुश्किल | -5*C में बर्फीले रास्ते |Worlds Highest Shiva Temple 7 дней назад


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बर्फीली ट्रैकिंग में बचना मुश्किल | -5*C में बर्फीले रास्ते |Worlds Highest Shiva Temple

Tungnath kaise jaaye puri detail Budget trip Tungnath in winter Snowfall in tungnath Best time for visit tungnath Chopta trek Chandershila trek in winter Chandigarh to tungnath Rishikesh to tungnath Chandigarh to chopta Rishikesh to chopta तुंगनाथ उत्तराखण्ड के गढ़वाल के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक पर्वत है। तुंगनाथ पर्वत पर स्थित है तुंगनाथ मंदिर, जो 3640 मीटर की ऊँचाई पर बना हुआ है और पंच केदारों में सबसे ऊँचाई पर स्थित है। यह मंदिर १,००० वर्ष पुराना माना जाता है और यहाँ भगवान शिव की पंच केदारों में से एक के रूप में पूजा होती है। ऐसा माना जाता है की इस मंदिर का निर्माण पाण्डवों द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया गया था, जो कुरुक्षेत्र में हुए नरसंहार के कारण पाण्डवों से रुष्ट थे। तुंगनाथ की चोटी तीन धाराओं का स्रोत है, जिनसे अक्षकामिनी नदी बनती है। मंदिर चोपता से ३ किलोमीटर दूर स्थित है। कहा जाता है कि पार्वती माता ने शिव जी को प्रसन्न करने के लिए यहां ब्याह से पहले तपस्या की थी । तुंगनाथ मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातेंः यह मंदिर करीब 1,000 साल पुराना माना जाता है. यह मंदिर समुद्र तल से करीब 3,680 मीटर की ऊंचाई पर बना है. तुंगनाथ मंदिर, चंद्रशिला ट्रेक के रास्ते पहुंचा जा सकता है. तुंगनाथ की चोटी से तीन धाराएं निकलती हैं, जिनसे अक्षकामिनी नदी बनती है. तुंगनाथ मंदिर से जुड़ी एक मान्यता है कि माता पार्वती ने इसी जगह भगवान शिव से विवाह के लिए तपस्या की थी. स्थानीय लोगों के मुताबिक, भगवान राम ने रावण के वध के बाद इस जगह तपस्या की थी. तुंगनाथ मंदिर से जुड़े कुछ और तथ्यः तुंगनाथ मंदिर, रुद्रप्रयाग जनपद में स्थित है. चोपता से तुंगनाथ मंदिर की दूरी तीन किलोमीटर है. तुंगनाथ मंदिर की चढ़ाई खड़ी होने के साथ-साथ ब्लैक आईस से भी सामना होता है. #tungnath #shivatemple #choptatrek #trekkingindia #snowtrek Mata vaishno devi yatra:    • Winters update दिसंबर यात्रा 2024 माँ...  

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