У нас вы можете посмотреть бесплатно नक्सल क्षेत्र का ऐसा गांव, जहां कोई नहीं जाता|| आज भी कई वर्ष पीछे Bastar wild Village или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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नक्सल क्षेत्र गांव घर सफर बस्तर भारत के एक ऐसा स्थान जहां लोग नाम सुनकर ही डर जाते हैं छत्तीसगढ़ राज्य के अंतर्गत आने वाले बस्तर संभाग में 7 जिला आते हैं घनघोर जंगल आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्र एवं माओवादी का होने के कारण बहुत सारे विकास नहीं हो पाया है ऐसी लोगों द्वारा बताया जाता है लेकिन बस्तर एक खुशनुमा जिंदगी स्वर्ग से कम नहीं यहां का वातावरण रहन-सहन खान-पान वेशभूषा यहां तक की बोली भाषा भी अलग है जो हम सब को अपनी और आकर्षित करती है लेकिन जीवन जीने के लिए भोजन पानी की आवश्यकता तो होती है शहर की चकाचौंध से दूर शांत वातावरण प्रदूषण मुक्त क्षेत्र सरकार की है रोज योजना का लाभ लेने के लिए काफी उत्सुक होते हैं लेकिन इन तक पहुंचना इतना आसान नहीं होता ऐसे कई योजना से गांव के लोग वंचित रह जाते हैं जिसमें की सबसे बड़ी समस्या एक ऐसे गांव की जहां पानी आज तक नहीं पहुंच पाया नदी नालों के पानी पीने में विवश है आज हम सफर कर रहे थे बस्तर संभाग के अंतर्गत आने वाले कुंडा गांव जिले के आखिरी गांव जहां तक पहुंचना आसान नहीं ना ही कोई रास्ता बताने वाला नहीं गूगल मैप में यह आपको देखने को मिलेगा इसके बावजूद धीरे-धीरे हमने उस जंगल क्यों रोक लिया पहाड़ी श्रृंखला को उतार-चढ़ाव के बाद आखिर हम पगडंडी के रास्ते उस गांव तक पहुंचे जहां अधिकतर घर घास फूस सही बने थे यहां कोई पक्का मकान आपको नहीं दिखेगा यहां की बोली भाषा भी सबसे अलग रहन-सहन देख आप चौक जायेंगे लेकिन यहां की सुंदरता आपको आकर्षित भी करेगी यात्रा के दौरान एक ऐसे गांव में पहुंच गए जहां के लोग हमें देख कर अपनी समस्याएं गिनाने लगे जिसे हम आपसे साझा करना चाहा शायद इस वीडियो के माध्यम से जिम्मेदार शासन प्रशासन तक आवाज पहुंच गए और वहां एक नल की सुविधा हो जाए जिसमें काफी जनसंख्या में रह रहे इस गांव में पानी की व्यवस्था हो जाए हालांकि यहां तो स्कूल भी नहीं है यहां के बच्चों को शिक्षा का अधिकार ही नहीं है ऐसा लगता है जबकि हर एक व्यक्ति को हर एक योजना का अधिकार होता है लेकिन यहां के बच्चे पढ़ना चाहते हैं लेकिन यहां कोई स्वास्थ्य शिक्षा सुविधा देखने को ही नहीं मिलती यह तक राशन के लिए भी बहुत तकलीफ उठाना पड़ता है