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Rigor Mortis पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मृत्यु का सही समय कैसे पता करें Post Mortem Changes मेडिकोलीगल में फर्जी चोट पहचाने • मेडिकोलीगल रिपोर्ट में फर्जी चोट पहचाने | ... • मेडिकोलीगल रिपोर्ट में फर्जी चोट पहचाने | ... • पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मृत्यु का सही समय क... • PM Staining In Postmortem Report || What ... • How To Take Action On Fake Medical Report ... ------------------------------------------- क्या है रिगर मॉर्टिस? आमतौर पर जब किसी की नाड़ी, दिल की धड़कन और सांसे रुक जाती है तो डॉक्टर उसे मृत घोषित कर देता है, लेकिन इसके बाद भी कई घंटों तक मृतक के शरीर में बदलाव होते रहते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, पहले तो सारी मांसपेशियां ढीली पड़ जाती हैं, जबड़ा खुल जाता है। उसके कुछ देर शरीर ठंडा पड़ने लगता है। मरने के दो घंटे बाद तक भी व्यक्ति की आंखों को रोशनी बची रहती है। इसके बाद मृत्यु की तीसरी प्रक्रिया जो करीब 3 घंटे बाद शुरू होती है उसमें शरीर में होने वाले रासायनिक परिवर्तन के कारण मांसपेशियां कठोर होने लगती हैं जिससे मृतक के हाथ-पैर अकड़ जाते हैं इसी प्रक्रिया को रिगर मॉर्टिस कहते हैं। इस प्रक्रिया में सबसे पहले पलके, जबड़े और गर्दन की मांसपेशियां कठोर होती है, उसके बाद चेहरे, छाती, हाथ और पैर की मांसपेशियों पर प्रभाव पड़ता है। चिकित्सकों के मुताबिक, रिगर मॉर्टिस की वजह से मृत्यु के करीब 12 घंटे बाद पूरे शरीर की अधिकांश मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं। 👉 क्यों होता है रिगर मॉर्टिस ? विशेषज्ञों के मुताबिक, रिगर मॉर्टिस मसल्स में होने वाले केमिकल बदलावों की वजह से होता है। जब व्यक्ति जिंदा होता है तो चलने, बात करने जैसी क्रिया में मांसपेशियों का इस्तेमाल करता है, इस दौरान मांसपेशियों में संकुचन होता रहता है। यह संकुचन रासायनों के आदान-प्रदान के कारण होता है। जब व्यक्ति आराम करता है तो मांसपेशियां कैल्शियम आयन को बाहर निकाल देती हैं। यह आयन एक्टिन और मायोसिन फिलामेंट्स के साथ प्रतिक्रिया करते हैं जिससे मांसपेशियों में संकुचन होता है। यह संकुचन तब तक होता रहता है जब तक कि एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट मायोसिन से नहीं जुड़ जाता। यह सारी प्रक्रिया ऑक्सीजन के कारण होती हैं और मरने के बाद जब ऑक्सीजन सप्लाई बंद हो जाती है तो मांसपेशियों में होने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाएं भी जाती हैं जिसके परिणामस्वरूप शरीर में बदलाव आने लगता है और वह कठोर हो जाता है। रिगर मॉर्टिस का एक अन्य कारण तापमान को भी माना गया है। हेल्थ एक्सपर्टस के अनुसार, गर्म वातावरण में मरने वाले व्यक्ति के शरीर में रासायनिक बदलाव ठंडे स्थान पर मरने वाले व्यक्ति की तुलना में अधिक तेज़ी से होता है। आमतौर पर रिगर मॉर्टिस की प्रक्रिया मरने के कुछ घंटों बाद शुरू होती है और 1 से 4 दिनों में खत्म हो सकती है। ------------------------------------------------------ Rigor mortis is a postmortem change resulting in the stiffening of the body muscles due to chemical changes in their myofibrils. Rigor mortis helps in estimating the time since death as well to ascertain if the body had been moved after death. ------------------------------------------------------ pm report, postmartem, death time calculation, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पीएम स्टेनिंग, what is pm staining, riger mortis, how to caculate time of death, evidence, gurdeep singh sengar, rigor mortis, algor mortis, pallor mortis, livor mortis, forensic science explains stages, rigor mortis and muscle, post martem changes, signs of death, forensic science, forensic medicine, forensic, medicine, crime scene, crime time, postmortem kaise hota hai, what is postmortem, how is postmartem done, postmortem dead body, reality of postmortem, postmortem record video, postmortem on man, female postmortem, postmortem india, postmortem on human, post mortem report kesy parhen, how to read post mortem report, post mortem, post mortem report, homicidal death, suicidal death, accidental death, injuries in post mortem ------------------------------------------------------ #postmartem #rigormortis #crimetime