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#ulhasnagar शमशान भूमि में सिंधी समाज का श्रद्धा और भक्ति का संगम, कार्तिक एकादशी का महत्व#sindhi #Ulhasnagar #UlhasnagarNews #UlhasnagarLive #UlhasnagarUpdate #UlhasnagarSindhiSamaj #UlhasnagarEvent #DevUthaniEkadashi #KartikEkadashi #PrabodhiniEkadashi #EkadashiVrat #HinduFestival #Bhakti #Shraddha #Punya #SanatanDharma #SindhiSamaj #SindhiCulture #SindhiTradition #DevPrakashMaharaj #SwamiShantiPrakashAshram #SaiAtmaramSahib #SaiJeevanGhot #ShantiSthal #ShamshanBhumiPuja #SwargPass #DonationForPunya #DevUthaniFestival #UlhasnagarDevUthani #BhaktiKaSang #ViralNews #LocalNewsIndia #DevotionalVibes #FaithAndTradition #PositiveVibes #SpiritualJourney #EkadashiSpecial Dev Uthani Ekadashi Ulhasnagar Kartik Ekadashi celebration Ulhasnagar Sindhi community Ulhasnagar tradition Ulhasnagar Shamshan Bhumi Puja Dev Prakash Maharaj Ulhasnagar Swami Shanti Prakash Ashram Sai Atmaram Sahib Ji Shanti Sthal Sai Jeevan Ghot Samadhi Ulhasnagar Swarg Pass donation Ulhasnagar Ulhasnagar religious event 2025 Dev Uthani Ekadashi 2025 significance Prabodhini Ekadashi importance Kartik Shukla Ekadashi festival Sindhi community rituals Ulhasnagar Ulhasnagar religious news Dev Uthani Ekadashi Ulhasnagar Sindhi Samaj Swami Shanti Prakash Ashram Ulhasnagar Dev Prakash Maharaj visit Ulhasnagar Ekadashi donation and Swarg Pass Hindu festival celebrations Ulhasnagar आज कार्तिक शुक्ल एकादशी, जिसे देवउठनी एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है, पूरे देशभर में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जा रही है। उल्हासनगर शहर में इस पवित्र अवसर पर सिंधी समाज की एक अनोखी धार्मिक परंपरा धूमधाम और श्रद्धा के साथ निभाई गई देवउठनी एकादशी के दिन उल्हासनगर के सिंधी समाज के लोग बड़ी संख्या में उल्हासनगर-5 स्थित शमशान भूमि में पहुंचकर पूजा-अर्चना करते हैं। यह वही दिन होता है जब सिंधी समाज की महिलाएं, जो वर्षभर कभी शमशान भूमि नहीं जातीं, श्रद्धा और भक्ति के साथ वहां पहुंचकर दर्शन और पूजा करती हैं। भक्तगण शमशान भूमि की परिक्रमा करते हैं, वहां दीपक और मोमबत्तियाँ जलाते हैं, और जिस स्थान पर मृतकों का अंतिम संस्कार होता है, वहाँ फूल अर्पित कर ईश्वर से आत्मा की शांति और परिवार की समृद्धि की कामना करते हैं। इस अवसर पर स्वामी शांति प्रकाश आश्रम के देव प्रकाश महाराज जी हर वर्ष की तरह इस बार भी शमशान भूमि पहुंचे। उन्होंने समाज हित और जनकल्याण के लिए सामूहिक प्रार्थना की। महाराज जी के साथ शहर की बड़ी संख्या में संगत भी मौजूद रही, जिसने उनके साथ मिलकर पूजा-अर्चना की और आध्यात्मिक वातावरण को और अधिक भक्तिमय बना दिया। शमशान भूमि के भीतर स्थित साई जीवनघोट जी की समाधि और परम पूजनीय सद्गुरु साई आत्माराम साहिब जी के शांति स्थल पर भक्त बड़ी श्रद्धा के साथ दर्शन करते हुए नजर आए। लोगों ने वहां दीपक जलाकर और फूल अर्पित कर सुख-शांति की प्रार्थना की। पूरा वातावरण भक्ति, श्रद्धा और आध्यात्मिकता से ओत-प्रोत दिखाई दिया। इस अवसर पर सिंधी समाज के कई लोग दान करने के लिए भी शमशान भूमि पहुंचे। समाज की ओर से विशेष व्यवस्था की जाती है, जहाँ दान देने वालों को एक “रसीद” दी जाती है, जिसे प्रतीकात्मक रूप से “स्वर्ग पास” कहा जाता है। मान्यता है कि कार्तिक एकादशी के दिन किया गया दान अत्यंत पुण्यदायक होता है। इस रसीद को “स्वर्ग पास” नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इसे पुण्य और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है। कार्तिक एकादशी के इस पावन अवसर पर उल्हासनगर की शमशान भूमि आज श्रद्धा और भक्ति का केंद्र बनी रही। सिंधी समाज की यह परंपरा जीवन और मृत्यु दोनों के प्रति सम्मान का प्रतीक है। यह समाज को यह संदेश देती है कि ईश्वर हर रूप में, हर स्थान पर — यहाँ तक कि शमशान भूमि में भी — उपस्थित है। हमारी यह न्यूज़ विशेष तौर पर सिंधी समाज को कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताएं हम आपसे निवेदन करेंगे कि हमारे चैनल को लाइक सब्सक्राइब जरूर करें, धन्यवाद।