У нас вы можете посмотреть бесплатно This will HEAL YOUR SOUL FOREVER | Powerful Shiva Mantra | Lingashtakam | Brahma murari surarchit или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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Every SUBSCRIBE click is BLESSING for us 🙏 / @sanatanrecords #shiva #mahadev #bholenath #shiv #lingashtakam #lingam #ashtakam 👇Add to your SPOTIFY Playlist, APPLE MUSIC, AMAZON Music👇 Audio Links: https://tr.ee/It0moGp8_t Sanatan Records Presents- लिङ्गाष्टकम्, Lingashtakam stotram also known as Brahma murari surarchit lingam. Experience the profound benefits of listening to the Lingashtakam. This sacred hymn, dedicated to Lord Shiva, offers a pathway to inner peace and stress relief through its soothing and melodic vibrations. By immersing yourself in the Lingashtakam's sound, you can create a serene and spiritual atmosphere in your home or workspace, fostering positive energy and a sense of tranquility. Discover the power of this ancient prayer, attributed to Adi Shankaracharya. लिंगाष्टकम का श्रवण भी उतना ही फलदायी माना जाता है जितना कि इसका पाठ करना। जब आप भक्तिभाव से लिंगाष्टकम सुनते हैं, तो आप दिव्य ऊर्जा से जुड़ते हैं और कई प्रकार के लाभ प्राप्त कर सकते हैं| लिंगाष्टकम सुनना मानसिक शांति, आध्यात्मिक वातावरण, भगवान शिव के साथ संबंध, नकारात्मक ऊर्जा का नाश, ध्यान में सुधार, सकारात्मक भावनाओं का विकास, आध्यात्मिक प्रेरणा और आशीर्वाद की प्राप्ति जैसे लाभ प्रदान करता है। यह अष्टक आदि शंकराचार्य जी ने ८ वी शताब्दी में लिखा है| Lingashtakam Lyrics and Hindi Meaning: ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् । जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥१॥ देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् । रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥२॥ सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम् । सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥३॥ कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम् । दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥४॥ कुङ्कुमचन्दनलेपितलिङ्गं पङ्कजहारसुशोभितलिङ्गम् । सञ्चितपापविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥५॥ देवगणार्चितसेवितलिङ्गं भावैर्भक्तिभिरेव च लिङ्गम् । दिनकरकोटिप्रभाकरलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥६॥ अष्टदलोपरिवेष्टितलिङ्गं सर्वसमुद्भवकारणलिङ्गम् । अष्टदरिद्रविनाशितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥७॥ सुरगुरुसुरवरपूजितलिङ्गं सुरवनपुष्पसदार्चितलिङ्गम् । परात्परं परमात्मकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥८॥ लिङ्गाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेत् शिवसन्निधौ। शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥ शिव लिंगाष्टकम: श्लोक, अर्थ और महत्व 1. उस शाश्वत शिवलिंग को नमन करता हूँ, जो ब्रह्मा जी, भगवान विष्णु तथा अन्य देवताओं के भी आराध्य हैं, जो स्वयं निरंजन, आलोकित तथा सुशोभित हैं, और जो जन्म मृत्यु के चक्र से जुड़े सभी दुःखों का नाश करने वाले हैं। मैं उस शाश्वत शिवलिंग को नमन करता हूँ। 2. जो सभी देवताओं तथा उच्चतम शिखरों पर विराजित ऋषियों के आराध्य हैं, जो सभी इच्छाओं को भस्म कर देते हैं, जो करुणामयी हैं और जिन्होंने रावण के अहंकार को चकनाचूर कर दिया। उमैं उस शाश्वत शिवलिंग को नमन करता हूँ। 3. जो अनेकों प्रकार के सुगंधित लेपों से सुसज्जित है, जिनके कारण ही व्यक्ति में आध्यात्मिक ज्ञान और विवेक का उदय होता है, और जिसकी स्तुति सिद्ध पुरुषों, देवताओं और असुरों द्वारा भी की जाती है। मैं उस शाश्वत शिवलिंग को नमन करता हूँ। 4. जो स्वर्ण व अन्य बहुमूल्य रत्नों से सुसज्जित है, जिसपर भयानक भुजंग लिपटे हैं, और जिन्होंने राजा दक्ष द्वारा आयोजित विशाल यज्ञ को ध्वंस कर दिया। मैं उस शाश्वत शिवलिंग को नमन करता हूँ। 5. जिनका कुमकुम और चंदन के लेप से अभिषेक किया गया है, जो कमल की सुंदर मालाओं से सुशोभित हैं, और जो जन्मों के अर्जित पापों का नाश करने वाले हैं। मैं उस शाश्वत शिवलिंग को नमन करता हूँ। 6. जिनकी पूजा देवताओं के समूहों द्वारा सच्ची भावना और भक्ति के साथ की जाती है, और जिनका तेज लाखों सूर्यों की रोशनी के समान है। मैं उस शाश्वत शिवलिंग को नमन करता हूँ। 7. उस शाश्वत शिवलिंग को नमन करता हूँ, जो आठ पंखुड़ी वाले पुष्पों (अर्थात् कमल पुष्पों) से घिरे हुए हैं, जो पूरी समष्टि के निर्माण के पीछे का कारण है, और जो आठ प्रकार की निर्धनताओं को समाप्त करते हैं। मैं उस शाश्वत शिवलिंग को नमन करता हूँ। 8. जिनकी पूजा सभी देवों के गुरु, बृहस्पति तथा महानतम देव भी करते हैं, जिनकी पूजा सदैव स्वर्ग के उद्यानों से लाए पुष्पों से ही होती है, वो उद्यान जो सर्वोत्तम से भी उत्तम और महान से भी महान हैं। मैं उस शाश्वत शिवलिंग को नमन करता हूँ। जो कोई भी शिवलिंग के निकट लिंगष्टकम का भजन करता है, अंत समय में वह शिव धाम को प्राप्त होता है और उनकी कृपा का पात्र बनता है। English Lyrics (Please see full lyrics and meaning in pinned comment) Brahma Muraari Suraarchita Lingam Nirmala Bhashita Shobhita Lingam Janmaja Dukha Vinaashaka Lingam Tat Pranamaami Sadaa Shiva Lingam Credits Lyrics: Adi Shankaracharya © Composed, Music and sung by: Ikshwaku Deopathak (इक्ष्वाकु देवपाठक) Video: Team Multiversal Lingashtakam Linga Ashtakam Lingaashtakam Brahmamurari rachit lingam Shivbhakt Shivites Shiva Linga stotram Shiva Lingam Ancient powerful shiva mantra powerful sanskrit mantras for success best healing mantras Powerful healing mantras meditation shivoham Shiv chalisa Shiv dhyana mantra Shiv Gayatri mantra Shiv bhajan Shiv tandav Stotram Mantra for clarity of mind Shiva meditation mantra All audio and visual copyrights and publishing rights are reserved with the artist and this channel.