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श्री राम के आने की राह देखते हुए शबरी अपनी कुटिया को रोज़ सजाती थी और श्री राम के इंतज़ार में मीठे बेर वन से एकत्रित करके श्री राम के भोजन के लिए लाती थी। एक दिन जब श्री राम माता सीता को खोजते हुए वन में घूम रहे थे तो उन्हें शबरी की कुटिया दिखती है श्री राम उनके पास जाते हैं और उन्हें अपना परिचय देते हैं तो शबरी उन्हें देख कर द्रवित हो जाती है। शबरी श्री राम और लक्ष्मण को अपनी कुटिया में लेकर जाती है। शबरी श्री राम को बैठा कर भोजन के लिए मीठे मीठे बेर खाने को देती है शबरी ने सभी बेर चख कर सिर्फ़ मीठे बेर ही श्री राम और लक्ष्मण को खाने को दिए थे। श्री राम उन मीठे और झूठे बेर को खाकर तृप्त हो जाते है। शबरी उन्हें बताती हैं की मतंग ऋषि जी ने मुझे कहा था कि आप एक दिन सीता को खोजते हुए यहाँ ज़रूर आएँगे। शबरी श्री राम को यह भी बताती है की माता सीता को खोजने में उनकी सहायता वानर राज सुग्रीव कर सकते हैं और वहीं आपको आपका प्रिया भक्त हनुमान जी भी मिलेंगे। शबरी श्री राम को मतंग ऋषि की हवन यज्ञ की स्थली पर ले जाती है। श्री राम से शबरी भक्ति और उसका ज्ञान माँगती हैं जिसे श्री राम नवधा बहकती के रूप में प्रदान करते हैं और शबरी श्री राम जी की कृपा से उनके दर्शन कर उनसे भक्ति का ज्ञान लेकर मोक्ष को प्राप्त हो जाती है। श्री राम जी हनुमान से सारी बात सुनाने के बाद सुग्रीव की सेना को साथ लेकर लंका की ओर चढ़ाई कर देते हैं। सुग्रीव, जामवंत, नल-नील, अंगद जैसे सभी वीर योद्धा श्री राम के आदेश माँ कर लंका की ओर चल पड़ते हैं। श्री राम सेना के साथ समुद्र के किनारे पहुँच जाते हैं। रावण को जब यह सूचना मिलती है की श्री राम सेना लेकर समुद्र के किनारे पर पहुँच गए है तो वह उनकी इस बात से ज़रा भी चिंतित नहीं होता और कहता है की एक वानर की सेना और साधारण मनुष्य मेरा क्या बिगाड़ लेंगे तो रावण को विभीषण समझता है की श्री राम को साधारण मनुष्य ना समझे। रावण को विभीषण की बाटे सुनकर ग़ुस्सा आ जाता है और वह उसे अपने राज्य से निकल देता है। विभीषण अपने कुछ साथियों के साथ श्री राम की शरण में जाते हैं श्री राम विभीषण से मिलते है और उसे अपना मित्र बना लेते हैं और सुरक्षा प्रदान करते हैं। श्री राम विभीषण को लंका का राजा भी घोषित कर देते हैं और उसका राज्याभिषेक भी कर देते हैं। श्री राम के द्वारा विभीषण के राज्याभिषेक की बात सुन रावण अपने गुप्तचरों को भेजता है और श्री राम के शिविर के बारे में सारी खबर लाने के लिए कहता है। जैसे ही रावण के गुप्तचर शुक और सारण वहाँ आते हैं तो उन्हें विभीषण पहचान लेता है और उन्हें पकड़ा कर श्री राम के पास ले जाता है श्री राम उन्हें आदर पूर्वक छोड़ देते हैं। गुप्तचर रावण के पास जाकर उसे सारी बात बताते हैं। रावण शुक को फिर से भेजता है और कहता है की तुम सुग्रीव के पास जाओ और उसे हमारा साथ देने के लिए कहो। रावण का गुप्तचर वहाँ जाता है और सुग्रीव से मिलता है। सुग्रीव रावण के गुप्तचर की बातें सुनकर उसे साफ़ साफ़ मना कर देता है की वो रावण का साथ नहीं देगा। गुप्तचर वापस लौट आता है। श्री राम जी अगले दिन विभीषण से पूछते हैं की क्या उसके पास ऐसी कोई मया है जिस से वो और उनकी सारी सेना लंका पहुँच सके तो विभीषण उन्हें समुद्र राज की पूजा कर उनसे मार्ग माँगने के लिए कहता है। श्री राम समुद्र राज की पूजा शुरू कर देते हैं और तीन दिन तक विधि विधान से पूजा करने के बाद भी समुद्र राज प्रकट नहीं होते तो श्री राम को समुद्र राज पर क्रोध आ जाता है। श्री राम समुद्र को सुखाने के लिए धनुष पर बाण चढ़ा लेते है तो समुद्र राज श्री राम के सामने आ जाते है और उनसे क्षमा माँगते हैं। समुद्र राज श्री राम से कहते हैं की उन्होंने उनका अहंकार तोड़ दिया है और वो उनके सामने समय पर नहीं आए इसके लिए उनसे क्षमा माँगते हैं। श्री राम समुद्र राज से मार्ग माँगते हैं तो समुद्र राज उन्हें कहते हैं की आपकी सेना में नल और नील है वो समुद्र में आपका नाम लिख कर जो भी फेंकेंगे वो सब तैरने लगेंगे और इस तरह आप सेतु बना सकते हैं। वानर सेना पत्थर उठा कर लाना शुरू करते है और पत्थरों पर श्री राम लिख कर नल नील उन्हें समुद्र में डालते हैं तो सेतु बनाने लगता है और धीरे धीरे सारा सेतु बन जाता है। रामायण कुंजी एक ऐसी श्रीनकल है जो रामायण का सार तथा मार्गदर्शिका जो इसे समझने और इसके गूढ़ अर्थों को जानने में सहायता प्रदान करे।और जटिल बात को सरलता से समजा जा सके रामायण एक भारतीय टेलीविजन श्रृंखला है जो इसी नाम के प्राचीन भारतीय संस्कृत महाकाव्य पर आधारित है। यह श्रृंखला मूल रूप से 1987 और 1988 के बीच दूरदर्शन पर प्रसारित हुई थी। इस श्रृंखला के निर्माण, लेखन और निर्देशन का श्रेय श्री रामानंद सागर को जाता है। यह श्रृंखला मुख्य रूप से वाल्मीकि रचित 'रामायण' और तुलसीदास रचित 'रामचरितमानस' पर आधारित है। इस धारावाहिक को रिकॉर्ड 82 प्रतिशत दर्शकों ने देखा था, जो किसी भी भारतीय टेलीविजन श्रृंखला के लिए एक कीर्तिमान है। Ramayan is an Indian television series based on ancient Indian Sanskrit epic of the same name. The show was originally aired between 1987 and 1988 on DD National. It was created, written, and directed by Ramanand Sagar. The show is primarily based on Valmiki's 'Ramayan' and Tulsidas' 'Ramcharitmanas'. The series had a viewership of 82 per cent, a record high for any Indian television series. The series was re-aired during the 2020 Coronavirus lockdown and broke several viewership records globally which includes setting the record for one of the most watched TV shows ever in the world, with 77 million viewers on 16 April 2020. #shreeram #ram #ramayan #ramayantvseries #ramayankunji