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What is Collagen Cross Linking (C3R)? Explained in Hindi by Cornea Specialist Dr. Vikas Mittal

कोलाजेन क्रॉस-लिंकिंग (Collagen Cross-Linking) सर्जरी केराटोकॉनस (Keratoconus) के उपचार के लिए उपयोग की जाने वाली एक महत्वपूर्ण विधि है। यह सर्जरी आंख के कॉर्निया (cornea) को मजबूत करने के लिए की जाती है ताकि इसकी ढलान को रोका जा सके और बीमारी के बढ़ने से बचाया जा सके। केराटोकॉनस क्या है? ============= केराटोकॉनस एक आंखों की बीमारी है जिसमें कॉर्निया, जो कि आंख का पारदर्शी ऊपरी हिस्सा होता है, धीरे-धीरे पतला और शंकु के आकार का हो जाता है। यह दृष्टि को धुंधला और विकृत कर सकता है और गंभीर मामलों में दृष्टि हानि भी हो सकती है। कोलाजेन क्रॉस-लिंकिंग सर्जरी कैसे काम करती है? =============================== इस सर्जरी का उद्देश्य कॉर्निया के भीतर कोलाजेन फाइबर को मजबूत करना है ताकि कॉर्निया की संरचना को स्थिर रखा जा सके और केराटोकॉनस की प्रगति को धीमा या रोका जा सके। प्रक्रिया के चरण: =========== एनेस्थीसिया (संज्ञाहरण): प्रक्रिया के दौरान मरीज को स्थानीय एनेस्थीसिया दिया जाता है जिससे आंख सुन्न हो जाती है और दर्द महसूस नहीं होता। इपिथेलियम हटाना: ============ सबसे पहले कॉर्निया की ऊपरी परत (इपिथेलियम) को हटा दिया जाता है ताकि दवा कॉर्निया के भीतर गहराई तक पहुंच सके। रिबोफ्लेविन ड्रॉप्स का उपयोग: =================== इसके बाद कॉर्निया पर रिबोफ्लेविन (विटामिन B2) के ड्रॉप्स डाले जाते हैं। रिबोफ्लेविन कॉर्निया के भीतर गहराई तक पहुंचता है और इसे अल्ट्रावायलेट (UV) किरणों के प्रति संवेदनशील बनाता है। अल्ट्रावायलेट (UV) लाइट का उपयोग: ======================== एक विशेष प्रकार की UV-A लाइट को कॉर्निया पर कुछ मिनटों तक फोकस किया जाता है। रिबोफ्लेविन और UV लाइट की प्रतिक्रिया से कॉर्निया के कोलाजेन फाइबर आपस में क्रॉस-लिंक होते हैं, जिससे कॉर्निया कठोर और मजबूत हो जाता है। उपचार के बाद की देखभाल: ================== प्रक्रिया के बाद, कॉर्निया की ऊपरी परत पुनः उगने के लिए कुछ दिनों का समय लेती है, और इस दौरान आंख में एंटीबायोटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रॉप्स दिए जाते हैं। सर्जरी के लाभ: ========= केराटोकॉनस की प्रगति को धीमा करना या रोकना। कॉर्निया की स्थिरता बढ़ाना। आगे की जटिलताओं जैसे कि कॉर्नियल ट्रांसप्लांट की आवश्यकता को कम करना। सर्जरी के बाद क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए? कुछ दिनों तक आंख में हल्की जलन या असुविधा हो सकती है। डॉक्टर की सलाह से निर्धारित आई ड्रॉप्स का नियमित उपयोग करना जरूरी होता है। आंख को रगड़ने से बचना चाहिए और सूरज की तेज रोशनी से बचने के लिए धूप के चश्मे का इस्तेमाल करना चाहिए। डॉक्टर के निर्देशों के अनुसार नियमित जांच करवाना जरूरी है। यह सर्जरी किनके लिए उपयुक्त है? ====================== कोलाजेन क्रॉस-लिंकिंग उन मरीजों के लिए उपयुक्त होती है जिनमें केराटोकॉनस की प्रगति शुरू हो गई है, लेकिन अभी इतना गंभीर नहीं हुआ है कि कॉर्नियल ट्रांसप्लांट की आवश्यकता हो। यह सर्जरी कॉर्निया को मजबूत करती है, जिससे भविष्य में दृष्टि हानि की संभावना कम हो जाती है। #drvikasmittal #ljeyeinstitute #ljei #BestCornealCollagenCrossLinkingSurgeryinIndia #BestCorneaTreatmentsinIndia #BestCorneaHospitalinHaryana

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