У нас вы можете посмотреть бесплатно CRPF डॉग स्टनर को अंतिम श्रद्धांजलि।कोबरा जवान फुट फूट कर रोने लगा सभी आंखे नम। или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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CRPF के जांबाज़ स्निफर डॉग K9 ‘स्टनर’ को कल शाम खूंटी स्थित कोबरा 209 बटालियन हेडक्वार्टर में पूरे सम्मान के साथ अंतिम श्रद्धांजलि दी गई। स्टनर ने वो कर दिखाया जो इंसान भी कई बार सोच नहीं पाता — उसने अपनी जान देकर अपने साथियों की जान बचा ली।उसकी शहादत से कोबरा एक जवान फुट फूट कर रोने लगा और सबकी आँखें नम हो गई ।क्यों स्टनर ने अपने कोबरा जवानों को बचाने के लिए अपने जान को दाव पर लगा दिया और शहीद हो गया । घटना पश्चिम सिंहभूम जिले के बालिबा जंगल की है। दिन था 8 नवंबर, समय करीब 15:50 बजे — कोबरा की टीम SADO ऑपरेशन पर थी। अचानक ज़मीन के नीचे छिपा IED बम फट पड़ा। उसी वक्त ड्यूटी पर तैनात था — हमारा बहादुर K9 स्टनर। स्टनर ने बम की गंध पाई, लेकिन माओवादियों के चालाकी से लगाए गए ‘डबल ट्रैप IED’ का शिकार बन गया। वो विस्फोट की चपेट में आया — और वहीं शहीद हो गया। लेकिन उस पल में, उसने अपने जवान साथियों को मौत से बचा लिया। अगर स्टनर वहाँ नहीं होता, तो शायद कई जवान उस विस्फोट की चपेट में आ सकते थे। कोबरा कैंप में नम आंखें, झुके सिर कल जब उसका पार्थिव शरीर खूंटी के 209 कोबरा मुख्यालय लाया गया, हर आँख नम थी, हर सिर झुका था। जवानों ने सलामी दी, फूलों से ढंका तिरंगे में लिपटा बॉडी बैग। किसी ने कहा — “वो डॉग नहीं था, वो साथी था… जिसने आखिरी सांस तक ड्यूटी निभाई।” K9s — वो नायक जिन्हें वर्दी नहीं, पर दिलों में जगह मिलती है CRPF के K9 यूनिट्स सिर्फ डॉग नहीं, मौन सैनिक हैं — जो जंगल में बम सूंघते हैं, कंधे से कंधा मिलाकर ऑपरेशन पर जाते हैं, और हर बार, खतरे को पहले पहचान कर जवानों को सुरक्षित लौटाते हैं। ‘स्टनर’ ने भी यही किया। वो आखिरी सांस तक ड्यूटी पर था। शौर्य अमर रहेगा स्टनर के शहादत को सलाम करते हुए CRPF अधिकारियों ने कहा — “उसने अपनी जान देकर साथियों को बचाया। ऐसे वीर साथी को देश हमेशा याद रखेगा।” आज खूंटी कैंप में सिर्फ एक डॉग की नहीं, एक ‘सैनिक साथी’ की विदाई हुई। जो वफादारी, साहस और बलिदान का ऐसा उदाहरण बन गया — जो हमेशा जवानों के दिलों में जिंदा रहेगा। #jharkhand #news