• ClipSaver
  • dtub.ru
ClipSaver
Русские видео
  • Смешные видео
  • Приколы
  • Обзоры
  • Новости
  • Тесты
  • Спорт
  • Любовь
  • Музыка
  • Разное
Сейчас в тренде
  • Фейгин лайф
  • Три кота
  • Самвел адамян
  • А4 ютуб
  • скачать бит
  • гитара с нуля
Иностранные видео
  • Funny Babies
  • Funny Sports
  • Funny Animals
  • Funny Pranks
  • Funny Magic
  • Funny Vines
  • Funny Virals
  • Funny K-Pop

| Pokaran Fort | शाही राजघराने का बेशकीमती सामान, जहर लगी तलवारे, राजा के Gold Plated कपड़े! (Ep-5) скачать в хорошем качестве

| Pokaran Fort | शाही राजघराने का बेशकीमती सामान, जहर लगी तलवारे, राजा के Gold Plated कपड़े! (Ep-5) 2 года назад

скачать видео

скачать mp3

скачать mp4

поделиться

телефон с камерой

телефон с видео

бесплатно

загрузить,

Не удается загрузить Youtube-плеер. Проверьте блокировку Youtube в вашей сети.
Повторяем попытку...
| Pokaran Fort | शाही राजघराने का बेशकीमती सामान, जहर लगी तलवारे, राजा के Gold Plated कपड़े! (Ep-5)
  • Поделиться ВК
  • Поделиться в ОК
  •  
  •  


Скачать видео с ютуб по ссылке или смотреть без блокировок на сайте: | Pokaran Fort | शाही राजघराने का बेशकीमती सामान, जहर लगी तलवारे, राजा के Gold Plated कपड़े! (Ep-5) в качестве 4k

У нас вы можете посмотреть бесплатно | Pokaran Fort | शाही राजघराने का बेशकीमती सामान, जहर लगी तलवारे, राजा के Gold Plated कपड़े! (Ep-5) или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:

  • Информация по загрузке:

Скачать mp3 с ютуба отдельным файлом. Бесплатный рингтон | Pokaran Fort | शाही राजघराने का बेशकीमती सामान, जहर लगी तलवारे, राजा के Gold Plated कपड़े! (Ep-5) в формате MP3:


Если кнопки скачивания не загрузились НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru



| Pokaran Fort | शाही राजघराने का बेशकीमती सामान, जहर लगी तलवारे, राजा के Gold Plated कपड़े! (Ep-5)

| Pokaran Fort | शाही राजघराने का सारा सामान, जहर लगी तलवारे, राजा के Golds Plated कपड़े! (Ep-5) 📌You can join us other social media 👇👇👇 💎INSTAGRAM👉  / gyanvikvlogs   💎FB Page Link 👉  / gyanvikvlogs   पोकरण का किला पश्चिमी राजस्थान के प्राचीनतम किलों में से एक है । जोधपुर और जैसलमेर राज्य की सीमा पर अवस्थित होने के कारण यह सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था । इसी वजह से यह दुर्ग दोनो राज्यों के मध्य संघर्ष का बड़ा कारण बना । लगभग 90 वर्षों को छोड़कर यह किला जोधपुर राज्य के अधीन रहा । अल्पकाल के लिए यह राव मालदेव के समय सुल्तान शेरशाह सूरी के समय दिल्ली सल्तनत के अधीन रहा जिसने राव मालदेव का पीछा करते हुए पोकरण पर अधिकार किया और अपना एक थाना यहां स्थापित किया । कुछ समय के लिए यहाँ मुगलवंशी औरंगजेब का भी अधिकार रहा । बालागढ़ के रूप में जाना जाने वाला पोखरण किला 14 वीं सदी में निर्मित एक प्राचीन किला है । यह स्मारक थार रेगिस्तान में स्थित है । यह एक प्राचीन ऐतिहासिक व्यापार मार्ग पर स्थित है जहां से मसाले , नमक , और रेशम का फारस और अन्य देशों को निर्यात किया जाता था । यह राठौड़ वंश के चम्पावत शासकों का किला है । यह किला मुगल और वास्तुकला राजपूत शैली का एक शानदार उदाहरण है । किले में हथियार , कपड़े , चित्र , और हस्तशिल्प के शाही संग्रह को प्रदर्शित करता एक संग्रहालय है । इसके अलावा , यहाँ एक शानदार पुस्तकालय है जिसमें महान राव बहादुर राजश्री , ठाकुर चैन सिंह जी पोकरन से सम्बद्ध पुस्तकों का अच्छा संग्रह है । पोकरण के किले का निर्माण किसने और कब करवाया , इससे जुड़े अनेक मिथक प्रचलित है । किन्तु इस बात को लेकर सर्वसम्मति है कि पोकरण किला का जो वर्तमान स्वरूप है , वह इसकी स्थापना के समय ऐसा नहीं रहा होगा । श्री विजयेन्द्र कुमार माथुर ने पोकरण को महाभारतकालीन पुष्कराराण्य नगर माना जहां उत्सवसंकेत गण रहा करते थे । इस मान्यता की स्वीकृति से पोकरण का इतिहास ईसा से कई शताब्दी पूर्व चला जाता है । उस काल में भी लोग प्रशासनिक केन्द्र के रूप में दुर्ग या गढ़िया बनाया करते थे । अतः पोकरण में किला महाभारत काल में ही बन गया होगा । श्री विजयेन्द्र कुमार माथुर ने श्री हरप्रसाद शास्त्री को उद्धृत किया जिनके अनुसार महरौली ( दिल्ली ) के प्रसिद्ध लौह स्तम्भ का चन्द्र वर्मा और समुद्रगुप्त की प्रयाग प्रशस्ति का चन्द्र वर्मा एवं मंदसौर अभिलेख ( 404-05 ई . ) का चन्द्रवर्मा यहीं का शासक था । जब शासक था तो उसका प्रशासनिक केन्द्र दुर्ग भी अवश्य ही रहा होगा । पोकरण से प्राप्त 1013 ई . के अभिलेख से इस क्षेत्र में पहले गुहिलों और फिर परमारों के वर्चस्व की ओर इशारा करते हैं । इसके बाद लगभग तीन शताब्दी से भी अधिक समय तक यहां परमारों का राज रहा । निश्चित रूप से परमारों के समय यहां कोई गढ़ या छोटी गढ़ी रही होगी । उस काल में परमारों द्वारा पश्चिमी राजस्थान में दुर्ग श्रृंखला बनाए जाने के निश्चित प्रमाण मिलते हैं । कालान्तर में पंवार पुरूरवा ने नानग छाबडा को गोद लिया जिससे पोकरण में छाबड़ा वंश का शासन प्रारंभ हुआ । मुहता नैणसी जनश्रुति के आधार पर भैरव राक्षस द्वारा छाबड़ा वंशी शासक महिध्वल को पकड़ कर मार डालने का वर्णन करता है । यह घटना तेरहवीं शताब्दी के प्रारंभ की रही होगी । इस घटना के बाद पोकरण भैरव राक्षस के भय से उजड़ गया । कालान्तर में तेरहवीं शताब्दी के चैथे पांचवे दशक में तंवर अजमाल जी ने राव मल्लिनाथ जी से पोकरण बसाने की स्वीकृति ली उन्होंने पंवारों ( परमार ) के दुर्ग में आश्रय लेकर पोकरण पुनः बसाने की स्वीकृति ली । पंवारों ( परमार ) के दुर्ग में आश्रय लेकर पोकरण पुनः बसाने के प्रयास प्रारंभ किये । इसी दौरान अपनी किशोरावस्था में ( लोककथाओं के अनुसार ) अजमाल तंवर के पुत्र रामदेव ने भैरव राक्षस को पराजित कर सिन्ध भगा दिया । संभवतः अजमाल जी , वीरमदेव जी तथा रामदेवजी द्वारा दुर्ग का पुनर्निमाण करवाया गया । कुछ समय पश्चात् तंवरों ने अपने वंश की एक कन्या राव मल्लिनाथ के पौत्र हमीर जगपालोत ( पोकरणा राठौड़ों के आदि पुरुष ) से ब्याही । विवाह के पश्चात् रामदेव जी ने कन्या से कुछ मांगने के लिए कहा । हमीर जगपालोत के कहे अनुसार उसने गढ़ के कंगूरे मांग लिए । रामदेवजी ने उदारता पूर्वक इसे स्वीकार कर लिया जिससे पोकरण गढ़ पर राव हम्मीर का अधिकार हो गया । कालान्तर में जोधपुर के शासक राव सूजा के पुत्र नरा ने छल से पोकरण दुर्ग पर अधिकार कर लिया । उसने पोकरण से कुछ दूर पहाड़ी पर किला बनाकर सातलमेर बसाया । पोकरण गढ़ पर अपना अधिकार रखा किन्तु आबादी को सातलमेर स्थानान्तरित कर दिया । 1503 ई . के लगभग पोकरणा राठौड़ों से हुए युद्ध में नरा वीरगति को प्राप्त हुआ में जिससे पोकरण - सातलमेर दुर्गों पर पोकरणा राठौड़ों का अधिकार हो गया । यह अधिकार अल्पकालिक स्थापित हुआ । क्योंकि जोधपुर के राव सूजा ने उन्हें परास्त कर खदेड़ दिया । कालान्तर में 1550 ई . में राव मालदेव ने पोकरण सातलमेर दुर्गों पर अधिकार कर लिया । उसने सातलमेर के दुर्ग को नष्ट कर दिया तथा पोकरण के पुराने गढ़ का पुनर्निर्माण करके उसे सुदृढ़ स्वरूप दिया! सातलमेर गढ़ के पत्थरों को मेड़ता भिजवाकर मालकोट बनवाया । कुछ वर्षों बाद जब मारवाड़ पर मुगल प्रभुत्व स्थापित हो गया तब राव चन्द्रसेन ने एक लाख फदिये में पोकरण दुर्ग और उससे लगे क्षेत्र जैसलमेर के भाटियों को गिरवी रूप में दे दिए । अनन्तर 100 वर्षों के बाद महाराजा जसवंतसिंह के समय मुहता नैणसी के नेतृत्व में आई एक सेना ने पोकरण पर अधिकार कर लिया । इस प्रकार पोकरण दुर्ग पर प्रभुत्व बदलता रहा और अन्ततः स्थायी रूप से आजादी तक जोधपुर राज्य के स्वामित्व में रहा । #Pokaranfort #Rajasthanfort #Gyanvikvlogs

Comments
  • Maharana Pratap के खजाने, उनके भारी हथियारों,City Palace के राज खोल गए वंशज Prince Lakshyaraj Singh? 2 года назад
    Maharana Pratap के खजाने, उनके भारी हथियारों,City Palace के राज खोल गए वंशज Prince Lakshyaraj Singh?
    Опубликовано: 2 года назад
  • | Pokaran Fort | किले में आज भी दिखते हैं हजारों तोप के गोले और पुराने जमाने का कूलर! (Ep-4) 2 года назад
    | Pokaran Fort | किले में आज भी दिखते हैं हजारों तोप के गोले और पुराने जमाने का कूलर! (Ep-4)
    Опубликовано: 2 года назад
  • Россия объявила срочную эвакуацию / Официальное заявление МИД 19 часов назад
    Россия объявила срочную эвакуацию / Официальное заявление МИД
    Опубликовано: 19 часов назад
  • | Mehrangarh Fort | इसी दौलतखाने में राजघराने की ज्वेलरी, हीरे-जवाहरात व बेशकीमती सामान रखा जाता था! 2 года назад
    | Mehrangarh Fort | इसी दौलतखाने में राजघराने की ज्वेलरी, हीरे-जवाहरात व बेशकीमती सामान रखा जाता था!
    Опубликовано: 2 года назад
  • राजस्थान के 300 साल पुराने किले में राजघराने की बहू ने खोले पुराने जमाने के राज ~ Rajasthan Jhalko 3 года назад
    राजस्थान के 300 साल पुराने किले में राजघराने की बहू ने खोले पुराने जमाने के राज ~ Rajasthan Jhalko
    Опубликовано: 3 года назад
  • राजा महाराजाओं का बेशकीमती Antique Collection मिला! इन्हीं बक्सों में छुपाते थे वे हीरे जवाहरात! 2 года назад
    राजा महाराजाओं का बेशकीमती Antique Collection मिला! इन्हीं बक्सों में छुपाते थे वे हीरे जवाहरात!
    Опубликовано: 2 года назад
  • HISTORICAL INDIAN ANCIENT WEAPONS || SARANGKHEDA 2018 6 лет назад
    HISTORICAL INDIAN ANCIENT WEAPONS || SARANGKHEDA 2018
    Опубликовано: 6 лет назад
  • 😍Женщины Калаши: Красота, которую прячут в горах 😍 2 дня назад
    😍Женщины Калаши: Красота, которую прячут в горах 😍
    Опубликовано: 2 дня назад
  • | Pokaran fort | दुश्मनी सेना को रोकने के लिए खौलता हुआ गरम तेल फेका जाता था इनके आलों से!(Ep-2) 2 года назад
    | Pokaran fort | दुश्मनी सेना को रोकने के लिए खौलता हुआ गरम तेल फेका जाता था इनके आलों से!(Ep-2)
    Опубликовано: 2 года назад
  • पोकरण फोर्ट | थार रेगिस्तान का शौर्य, इतिहास और रहस्य | Pokhran Fort Rajasthan Documentary 3 месяца назад
    पोकरण फोर्ट | थार रेगिस्तान का शौर्य, इतिहास और रहस्य | Pokhran Fort Rajasthan Documentary
    Опубликовано: 3 месяца назад
  • | Pokaran Fort | 100 हाथियों का दमखम भी नहीं हिला पाता था इस किले की प्राचीर को!(Ep-3) 2 года назад
    | Pokaran Fort | 100 हाथियों का दमखम भी नहीं हिला पाता था इस किले की प्राचीर को!(Ep-3)
    Опубликовано: 2 года назад
  • | Pokaran Fort | 14 वीं शताब्दी में निर्मित राजस्थान में थार रेगिस्तान के मध्य में पोखरण किला (Ep-1) 2 года назад
    | Pokaran Fort | 14 वीं शताब्दी में निर्मित राजस्थान में थार रेगिस्तान के मध्य में पोखरण किला (Ep-1)
    Опубликовано: 2 года назад
  • 15 Удивительных фактов о Нигерии: самой эксцентричной стране мира — документальный фильм 1 день назад
    15 Удивительных фактов о Нигерии: самой эксцентричной стране мира — документальный фильм
    Опубликовано: 1 день назад
  • | Junagarh fort | किले में आज भी है, 800 साल पुराना चंदन का सिंहासन, जहर लगे हुए तीर और कमान! (Ep-9) 2 года назад
    | Junagarh fort | किले में आज भी है, 800 साल पुराना चंदन का सिंहासन, जहर लगे हुए तीर और कमान! (Ep-9)
    Опубликовано: 2 года назад
  • भैरव राक्षस गूफा - पोखरण....Bhairav Rakshas Cave...Pokhran 3 года назад
    भैरव राक्षस गूफा - पोखरण....Bhairav Rakshas Cave...Pokhran
    Опубликовано: 3 года назад
  • History of Maharaja Ranjit Singh of Gujranwala مہاراجہ رنجیت سنگھ کی یادگار ہویلی 7 дней назад
    History of Maharaja Ranjit Singh of Gujranwala مہاراجہ رنجیت سنگھ کی یادگار ہویلی
    Опубликовано: 7 дней назад
  • Запретная кровь Японии Кем на самом деле были белые айны 23 часа назад
    Запретная кровь Японии Кем на самом деле были белые айны
    Опубликовано: 23 часа назад
  • ШОКИРУЮЩАЯ ПРАВДА! ЖУКОВ ЗАЛИЛ ОДЕССУ КРОВЬЮ — ВСЕ МОЛЧАЛИ 1 день назад
    ШОКИРУЮЩАЯ ПРАВДА! ЖУКОВ ЗАЛИЛ ОДЕССУ КРОВЬЮ — ВСЕ МОЛЧАЛИ
    Опубликовано: 1 день назад
  • 15 удивительных фактов о яномами — племени, живущем в изоляции в Амазонии - Документальный фильм 1 день назад
    15 удивительных фактов о яномами — племени, живущем в изоляции в Амазонии - Документальный фильм
    Опубликовано: 1 день назад
  • Они не должны быть людьми? Эти ужасающие видео СТАНОВЯТСЯ ВИРАЛЬНЫМИ, вот почему! Нераскрытые тайны 7 дней назад
    Они не должны быть людьми? Эти ужасающие видео СТАНОВЯТСЯ ВИРАЛЬНЫМИ, вот почему! Нераскрытые тайны
    Опубликовано: 7 дней назад

Контактный email для правообладателей: [email protected] © 2017 - 2025

Отказ от ответственности - Disclaimer Правообладателям - DMCA Условия использования сайта - TOS



Карта сайта 1 Карта сайта 2 Карта сайта 3 Карта сайта 4 Карта сайта 5