У нас вы можете посмотреть бесплатно शिव कुमार बटालवी के जन्मदिन पर उनके बेटे मेहरबान बटालवी से ख़ास बातचीत или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
शिव कुमार बटालवी के गीतों में ‘बिरह की पीड़ा’ इस कदर थी कि उस दौर की प्रसिद्ध कवयित्री अमृता प्रीतम ने उन्हें ‘बिरह का सुल्तान’ नाम दे दिया। शिव कुमार बटालवी यानी पंजाब का वह शायर जिसके गीत हिंदी में न आकर भी वह बहुत लोकप्रिय हो गया। लेकिन समय के साथ शिव तेजी से हिंदी भाषी लोगों के बीच लोकप्रिय हुए हैं। उनके लिखे गीत फ़िल्मों में आए और ख़ूब लोकप्रिय हुए- इक कुड़ी से लेकर आज दिन चढ़ेया तक। शिव को मरने की बहुत जल्दी थी, वह जवानी में ही चले जाना चाहते थे। उनका कहना था कि जवानी में जो मरता है वो या तो फूल बनता है या तारा और जवानी में या तो आशिक़ मरते हैं या वो जो बहुत करमों वाले होते हैं। इसलिए उन्होंने लिखा है कि असां तां जोबन रुत्ते मरनां जोबन रूत्ते जो भी मरदा फूल बने या तारा जोबन रुत्ते आशिक़ मरदे या कोई करमा वाला