У нас вы можете посмотреть бесплатно | Ranthambore fort | रणथंभौर किले के पिछले दरवाजे से मिला बाहर जाने का खुफिया रास्ता। или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
| Ranthambore fort | रणथंभौर किले के पिछले दरवाजे से मिला बाहर जाने का खुफिया रास्ता। @Gyanvikvlogs 📌You can join us other social media 👇👇👇 💎INSTAGRAM👉 / gyanvikvlogs 💎FB Page Link 👉 / gyanvikvlogs सवाई माधोपुर से लगभग छह मील दूर रणथम्भौर दुर्ग अरावली पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा विकट दुर्ग है. रणथम्भौर का वास्तविक नाम रन्त:पुर है, अर्थात ‘रण की घाटी में स्थित नगर’. इस दुर्ग का निर्माण राजा सज्जन वीर सिंह नागिल ने करवाया था और उसके बाद से उनके कई उत्तराधिकारियों ने रणथम्भौर दुर्ग के निर्माण की दिशा में योगदान दिया. अबुल फजल ने इसके बारे में कहा कि अन्य सब दुर्ग नंगे है, यह बख्तरबंद किला है. राव हम्मीर देव चौहान की भूमिका इस किले के निर्माण में प्रमुख मानी जाती है। हम्मीद देव चौहान ने अलाउद्दीन खिलजी के विद्रोही सेनापति मीर मुहम्मदशाह को अपने यहां शरण दी थी. इससे क्रोधित होकर और अपनी साम्राजयवादी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए 1300 ई. में खिलजी ने विशाल सैन्य बल के साथ रणथम्भौर पर आक्रमण कर दिया. इसमें उसका सेनापति नुसरत खां मारा गया. इस दौरान किले पर कब्जा करने की कोशिशें कीं, लेकिन ऐसा करने में विफल रहा. तीन असफल प्रयासों के बाद खिलजी की सेना ने अंततः 1 जुलाई 1301 में रणथंभौर किले पर कब्जा कर लिया। रणथम्भौर दुर्ग तक पहुंचने का मार्ग संकरी व तंग घाटी से होकर सर्पिलाकार में आगे जाता है. दुर्ग इस प्रकार बना है कि उसकी प्राचीर पहाड़ियों के साथ एकाकार हो गई प्रतीत होती है. किले में ऐतिहासिक स्थानों में हाथी पोल, गणेश पोल, नौलखा दरवाजा, सूरजपोल और त्रिपोलिया प्रमुख प्रवेश द्वार है. त्रिपोलिया अंधेरी दरवाजा भी कहलाता है. इसके पास से एक सुरंग महलों तक गई है. इसके अलावा हम्मीर महल, रानी महल, हम्मीर की कचहरी, बादल महल, 32 खम्भों की छतरी, रनिहाड़ तालाब, सुखसागर और पद्मला तालाब प्रमुख हैं. पद्मला तालाब वही है, जहां हम्मीर देव चौहान की राजकुमारियों और कुंवारी कन्याओं ने जल जौहर किया था. तब विवाहित महिलाएं अग्नि-जौहर और कुंवारी कन्याएं जल-जौहर किया करती थीं। #RanthamboreFort #SawaiMadhopurFort #Gyanvikvlogs #RajasthanForts #रणथंभौरकिला #heritageofrajasthan #RanthamboreQila #exploreRanthamborefort #HistoryofRanthamborefort