У нас вы можете посмотреть бесплатно जागरण गीत||जाग तुझको दूर जाना||महादेवी वर्मा|छायावादी कवयित्री| संग्राम सिंह चुण्डावत|Mahadevi Varma или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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'जाग तुझको दूर जाना' प्रस्तुत गीत 'आधुनिक मीरा' के नाम से प्रसिद्ध प्रमुख छायावादी कवयित्री महादेवी वर्मा द्वारा स्वाधीनता आन्दोलन की प्रेरणा से रचित एक जागरण गीत है। इस गीत के माध्यम से कवयित्री तन्द्रा और आलस्य युक्त भारतीयों को जगाने की चेष्टा कर रही है। देशभक्ति की भावना से परिपूर्ण इस गीत में भीषण कठिनाइयों की चिंता न करते हुए पारिवारिक कोमल बंधनों के आकर्षण से मुक्त होकर अपने लक्ष्य की ओर निरंतर बढ़ते रहने का आह्वान कर रही है। अस्त व्यस्त रहती युवा पीढ़ी को सचेत करने की चेष्टा करती हुई वह कह रही है कि तुम भारतीय देवताओं और ऋषियों की संतानें हो,जो सृष्टि के आरम्भ से ही अपने अस्तित्व और कर्त्तव्यों के प्रति प्रतिक्षण सजग रहते आए हैं फिर तुम्हें ऐसा क्या हो गया है कि तुम अपने अस्तित्व और कर्त्तव्यों से अनजान बने बैठे हो? चारों ओर अत्याचार,अनाचार,दुराचार,अन्याय,असत्य,छल,छद्म,प्रपंच आदि के कारण संसार में फैले हाहाकार और क्रंदन को देखकर भी तुम तुच्छ एवं क्षणिक स्वार्थों और मोह माया में डूबे हुए कैसे रह सकते हो? मोह - माया के बंधन में जकड़े भारतीयों को जगाने की चेष्टा करती हुई महादेवी ने कहा है- जाग तुझको दूर जाना। तुम्हें जगना ही होगा। तुम्हें सत्य और न्याय के साथ स्वराज्य की स्थापना हेतु मातृभूमि की बलिवेदी पर अपना सर्वस्व अर्पित करने के लिए आगे आना ही होगा। बलिदान के पथ पर तुम्हें अपने अमर पदचिह्न छोड़कर जाना ही होगा। मैंने इस गीत को मां शारदे की कृपा से अपना मौलिक स्वर देने का प्रयास किया है। आप सभी गुणीजनों से विनम्र आग्रह है कि इस गीत का आनंद लें और मुझे प्रोत्साहित करें। 🙏🙏