У нас вы можете посмотреть бесплатно चित्रलेखा के श्राप की कथा | अनिरुद्ध का हरण | श्री कृष्ण महाएपिसोड или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
बाणासुर की पुत्री उषा को अपने प्रेम से मिलने के लिए अपनी सहेली चित्रलेखा का इंतज़ार करती है। चित्रलेखा उषा से मिलने आती है और से मिल कर अनिरुध का अपहरण करने के लिए चली जाती हैं। बाणासुर अपनी पुत्री को अनिरुध से मिलने से रोकने के लिए चित्र सेन और वीर सेन को बुलाता है और अनिरुध पर निगरानी रखने के लिए द्वारिका भेजता है। श्री कृष्ण नारद को चित्रलेखा को बताते हैं की वह पिछले जनम में पार्वती की मुख्य सेविका थी। जब एक दिन महा देव और पार्वती द्यूत क्रीड़ा खेल रहे थे तो महादेव बार बार पार्वती से हारने की वजह पार्वती पर छल करके जितने का आरोप लगाते हैं। पार्वती रुष्ठ होकर चली जाती हैं और महादेव भी दुःखी होकर तपस्या करने जाने के लिए चले जाते हैं। चित्रलेखा पार्वती माता को समझाती हैं की आप भोले नाथ को मना ले लेकिन वो भी अपनी हट नहीं छोड़ती हैं। महादेव की तपस्या को भंग केवल माता पार्वती ही कर सकती थी यदि कोई दूसरा उनकी तपस्या को भंग करेगा तो वह अपनी क्रोध अग्नि से उसे भस्म कर देगी। ब्रह्मा जी चित्रलेखा को कहते हैं की तुम्हें ही महादेव को तपस्या में लीन होने से पहले रोकना होगा। चित्रलेखा माता पार्वती का रूप धारण कर महादेव की तपस्या में लीन होने से पहले ही रोक देती है और उनसे क्षमा माँगती हैं की खेल खेल में मैंने आपको रुष्ठ कर दिया। वह महादेव को दोबारा द्यूत क्रीड़ा खेलने के लिए मना लेती है। दोनों द्यूत क्रीड़ा खेलते हैं। तभी वहाँ माता पार्वती आ जाती है और चित्रलेखा को महादेव के साथ खलते देख क्रोधित हो जाती हैं और उसे श्राप दे देती है की तुम इस गलती के करना असुर कुल में जनम लोगी। श्रीकृष्णा, रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था। यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है। गर्ग संहिता , पद्म पुराण , ब्रह्मवैवर्त पुराण अग्नि पुराण, हरिवंश पुराण , महाभारत , भागवत पुराण , भगवद्गीता आदि पर बना धारावाहिक है सीरियल की पटकथा, स्क्रिप्ट एवं काव्य में बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ विष्णु विराट जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसे सर्वप्रथम दूरदर्शन के मेट्रो चैनल पर प्रसारित 1993 को किया गया था जो 1996 तक चला, 221 एपिसोड का यह धारावाहिक बाद में दूरदर्शन के डीडी नेशनल पर टेलीकास्ट हुआ, रामायण व महाभारत के बाद इसने टी आर पी के मामले में इसने दोनों धारावाहिकों को पीछे छोड़ दिया था,इसका पुनः जनता की मांग पर प्रसारण कोरोना महामारी 2020 में लॉकडाउन के दौरान रामायण श्रृंखला समाप्त होने के बाद ०३ मई से डीडी नेशनल पर किया जा रहा है, TRP के मामले में २१ वें हफ्ते तक यह सीरियल नम्बर १ पर कायम रहा। In association with Divo - our YouTube Partner #shreekrishna #shreekrishnakatha #krishna #mahaepisode