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रामलीला सीता स्वयंवर सात फेरे लिए भगवान राम ने Mahipal Shyam Deewana channel#Sita swayamvar#Bhagwan Sita swayamvar Bhagwan Ram ka Vivah Bhagwan Ram ne saat fere liye barat barat lekar Aaye The Raja Dashrath सीता स्वयंवर। शिव धनुष आपको हमारा यह वीडियो अच्छा लगा हो, तो इसे Like करें, एवं हमारे चैनल को Subscribe करना बिल्कुल भी न भूलें । हमारी वीडियो को सबसे पहले देखने के लिए घंटी 🔔 का निशान दबायें #ramleela Chhayanautanki #Chhayavideo #ramlela #Dharmikramlela #ramsitakavivah #ramsitakavivahepisode #Ramsitakavivahwala #Ramsitakavivahgeet #Ramsitakaramayan #Chandoliramleela #Chandolighatkiramleela #Ramsitakamilan #Dharmikramlela #Yadavpartiramlela #Tribhuvaramlela #Newramlela #2022ramleela #Yadavpartiramlela #Tribhuvaramlela #Newramlela मेघनाथ हनुमान युद्ध, जय महापुरुष बाबा रामलीला समिति रामायण के अनुसार मिथिला के राजा जनक का खेतों में हल जोतते समय एक पेटी से अटका। इन्हें उस पेटी में पाया था। हल को मैथिली भाषामे 'सीत' कहने के कारण इनका नाम सीता पडा। राजा जनक और रानी सुनयना ने इनका परवरिश किया। उर्मिला उनकी छोटी बहन थीं । राजा जनक की पुत्री होने के कारण इन्हे जानकी, जनकात्मजा अथवा जनकसुता भी कहते थे। मिथिला की राजकुमारी होने के कारण यें मैथिली नाम से भी प्रसिद्ध है। भूमि में पाये जाने के कारण इन्हे भूमिपुत्री या भूसुता भी कहा जाता है। ऋषि विश्वामित्र का यज्ञ राम व लक्ष्मण की रक्षा में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इसके उपरांत महाराज जनक ने सीता स्वयंवर की घोषणा किया और ऋषि विश्वामित्र की उपस्थिति हेतु निमंत्रण भेजा। आश्रम में राम व लक्ष्मण उपस्थित के कारण वे उन्हें भी मिथिपलपुरी साथ ले गये। महाराज जनक ने उपस्थित ऋषिमुनियों के आशिर्वाद से स्वयंवर के लिये शिवधनुष उठाने के नियम की घोषणा की। सभा में उपस्थित कोइ राजकुमार, राजा व महाराजा धनुष उठानेमें विफल रहे। श्रीरामजी ने धनुष को उठाया और उसका भंग किया। इस तरह सीता का विवाह श्रीरामजी से निश्चय हुआ।