У нас вы можете посмотреть бесплатно EP 48: सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस जब सहम गई थी दिल्ली पूरी कहानी शम्स की ज़ुबानी |AAJTAK| Crime Tak или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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न्यूज चैनल की प्रोड्यूसर सौम्या विश्वनाथन (25) मालेगांव बम धमाकों के कारण अपनी शिफ्ट से तीन घंटे लेट रात 3 बजे विडियोकॉन टावर में अपने ऑफिस से वसंत कुंज में अपने घर के लिए निकलीं। मारुति जेन खुद सौम्या ड्राइव कर रही थीं। करीब 3:15 बजे सौम्या के पिता एम. के. विश्वनाथन ने उनके सेलफोन पर कॉल की। उस वक्त सौम्या चाणक्यपुरी में थीं। पिता को उम्मीद थी कि 15-20 मिनट में बेटी घर आ जाएगी, लेकिन इसी दौरान अनहोनी हो गई। चार यार निकले थे शिकार पर उस रात मदनगीर में रहने वाला रवि कपूर, लाडो सराय का अमित शुक्ला, मसूदपुर का बलजीत मलिक उर्फ पॉपी और मुनीरका में रहने वाला अजय भैंगा आपस में मिले। इनमें से किसी की भी जान-पहचान सौम्या से नहीं थी। पहले इन चारों ने अमित शुक्ला के घर ड्रिंक और डिनर किया। यहां से वे पहले एम्स और उसके बाद पीवीआर प्रिया गए। वाइट कलर की वैगन आर रवि चला रहा था। रवि ने यह कार 19 सितंबर 2008 को बेर सराय के जवाहर पार्क से चुराई थी। बिन्नी नामक महिला ने इस कार चोरी की एफआईआर नंबर 352 अगले दिन हौज खास थाने में दर्ज कराई थी। वसंत विहार में इन्हें धीमी गति से जा रही कार में अकेली लड़की जाती नजर आई। वह सौम्या थी। रवि ने अपनी कार पीछे लगा दी। उसने कई बार सौम्या को ओवरटेक कर रोकने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहा। गुस्से में रवि ने जेन की साइड में अपनी कार लाकर पिस्तौल निकाल सौम्या पर फायर कर दिया। गोली एक ही चली, जो जेन का शीशा तोड़कर सीधे सौम्या के सिर में जा लगी। रवि और उसके साथी फरार हो गए। पुलिस ने उठाया फोन बेटी के घर नहीं आने पर आशंकित पिता उसे लगातार कॉल करते रहे, लेकिन फोन पिक-अप नहीं हुआ। सुबह 4 बजे एक पुलिस वाले फोन उठाया। सौम्या को गोली लगने के बाद जेन बेकाबू होकर रोड डिवाइडर और पोल से जा टकराई। सौम्या के सिर से खून बह रहा था। शुरुआत में पुलिस को यह एक्सिडेंट का केस लगा, लेकिन पोस्टमॉर्टम से खबर मिली कि सौम्या की मौत सिर में गोली लगने से हुई थी और गोली नॉन स्टैंडर्ड फायर आर्म से चलाई गई थी। 30 सितंबर 2008 को वसंत कुंज थाने में एफआईआर नंबर 481 के तहत मर्डर केस दर्ज हुआ। छह महीने बाद खुला राज पुलिस की भरसक कोशिशों के बावजूद छह महीने तक इस वारदात का राज नहीं खुल सका। 17 मार्च 2009 को वसंत विहार से कॉलसेंटर की इग्जेक्युटिव जिगिषा घोष का अपहरण और मर्डर हो गया। सौम्या की तरह वह भी रात में ऑफिस से अपने घर वापस आ रही थीं। जिगिषा का डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने के दौरान महिपालपुर में स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के एटीएम बूथ के सीसीटीवी से एक मुलजिम बलजीत मलिक की फोटो पुलिस को मिल गई। बलजीत के बयान के बाद रवि कपूर को भी गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान इन मुलजिमों से पुलिस को जानकारी मिली कि इन्होंने ही छह महीने पहले सौम्या का मर्डर किया था। इस बारे में सौम्या के पिता ने बताया कि पूछताछ उनके सामने हुई थी और उन्हें 100 फीसदी यकीन है कि उनकी बेटी की हत्या इसी गिरोह ने की थी। सभी मुलजिमों को गिरफ्तार कर उन पर मकोका लगा दिया गया। आज तक यह गिरोह जेल में बंद है। कोर्ट में सुनवाई जारी है। --------- About the Channel: आज वक़्त के जिस दौर में हम जी रहे हैं उसमें आने वाला पल किस शक्ल में हमारे सामने आएगा कोई नहीं जानता। हां....अगर हम कुछ कर सकते हैं तो सिर्फ़ इतना कि आने वाले पल के क़दमों की आहट को ज़रूर भांप सकते हैं। मगर आने वाले वक़्त की नीयत क्या है ये तभी जाना जा सकता है जब हम अपने आंख और कान खुले रखें। और इसमें CRIME TAK आपकी मदद करेगा। क्राइम की दुनिया की हर छोटी-बड़ी ख़बरों से आपको आगाह करके। ताकि आप सुरक्षित रहें। Nowadays we are living in such a age, where one knows that what will happen in next moment? In such scenario what we can do is to be stay aware each moment. We can prepare for future only if we keep our eyes and ears open. CRIME TAK is here to help and assist you in this regard, by making you aware of all crime related incidents/stories, so that you can be safe. Follow us on: FB: / crimetakofficial Twitter: / crimetakbrand