У нас вы можете посмотреть бесплатно #jagari или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
हरज्यूँ देवता (हरजू) देवता एक अच्छी प्रकृति के देवता हैं, और कुमाऊँ के ग्रामों में बहुत पूजे जाते हैं। कहा जाता है कि वह चंपावत के कुमाऊँ के राजा हरिश्चन्द्र थे। वह राजा राजपाट पीछे हटकर तपस्वी हो गए। कहते हैं कि हर की पौड़ी उन्ही ने बनाई थी। तीसरे से कहा जाता है कि वे धामों (बद्रीनाथ, जगन्नाथ, रामनाथ, द्वारिकानाथ) की परिधि की परिक्रमा करते हैं। चारों धामों से लौटकर चंपावत में राजा ने अपना जीवन धर्म-कर्म में ही पालन किया, और अपना एक भ्रातृमंडल कायम किया। उनके छोटे भाई सैम, लाटू और उनके नौकर सुरा, तेउरा, रुधा कठायत, खोलिया, मेलिया, मंगिलाया और उजलिया सभी उनके शिष्य हो गए। बारु भी चले बने। राजा उनके गुरु हो गए। कुमाऊं के लोक देवता। हरू (हर्जू) देवता है। हरजू एक अच्छी प्रवृत्ति शुद्ध आचरण और दैवीय शक्ति से पूर्ण सात्विक देवता हैं। हरजू की पूजा पूरे कूर्मांचल में बड़ी श्रृद्धा से पूजा होती है। तपस्या, सदाचार, ध्यान व योग के कारण हरजु सर्वत्र पूजे जाने लगे। उनके कृपा से अपुत्र को पुत्र निर्धन को धन, दुःख सुखी होने लगे, अंधे देखने लगे, लंगड़े चलने लगे, धूल सदाचारी होने लगे। देहावसान के बाद हरूजू के मंदिर में रहने की पूजा होने लगी। कुमाऊं में यह बात प्रचलित है कि जहां हरू रहते हैं वहां संपत्ति का विराजमान रहता है भक्तों को सदस्यता ग्रहण करता है। हरूजू की पूजा बड़ी भक्ति शांति और सद्भावना से की जाती है। फल फूल मेवा मिष्ठान्न और रोट का सात्विक भोग लगता है।