У нас вы можете посмотреть бесплатно ध्रुवरूप अहो! मम अंतर में | Dhruvroop Aho Mam Antar Men | श्रद्धेय बा. ब्र. रवीन्द्रजी ‘आत्मन्’ или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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(स्वरूप स्मरण) ध्रुव रूप अहो! मम अंतर में ध्रुव रूप अहो ! मम अन्तर में, उत्पाद-व्ययों का क्या होगा। मैं परम पारिणामिक चिन्मय, भावान्तरों का क्या होगा ।।1।। निज सुख का मुझको भान न था, निज ज्ञान मूर्ति का ज्ञान न था। मैं पूर्ण तृप्त आनंद धाम, परमात्म दशा का क्या होगा ।। 2 ।। हैं सभी द्रव्य स्वाधीन सदा, अन्यथा परिणमन हो न कदा। होनी ही होती है निश्चित्, रे ! आकुलता से क्या होगा।। 3।। ज्ञेयों का तो ज्ञायक नहीं है, ज्ञायक का ज्ञायक भी नहीं है। ज्ञायक ज्ञायक ही है निश्चय, अब व्यवहारों का क्या होगा।4।। मैं स्वयं पूर्ण निश्चिंत अहो, जो कुछ भी होना हो सो हो। मैं अक्षय चिन्मय सहज प्रभु, प्रभुता प्रगटे तो क्या होगा ।5।। मैं ही कृतार्थ कर्तृत्व शून्य, हूँ ज्ञानघनं रागादि शून्य। हूँ अकृत्रिम भगवान स्वयं, अब आराधन का क्या होगा।।6।। मेरा दर्शन सम्यग्दर्शन, मम ज्ञान अहो ! सम्यक् ज्ञान । मुझमें थिरता सम्यक् चारित्र, रत्नत्रय का अब क्या होगा।7।। मैं हूँ स्वभाव से मुक्त सहज, दृष्टि में आया पूर्ण सहज । मुक्ति जब आना हो आये, मुक्ति का मुझमें क्या होगा।। 8 ।। श्रद्धेय ब्र. रवीन्द्रजी ‘आत्मन्’ _____________________________________ Lyrics - Baal Br. Shree Ravindra Ji ‘Aatman’ Singer – Vandana Parakh, Rajnandgaon Backing Vocal– Anamika Bardiya, Rajnandgaon Studio - Vilas Digital Recording Studio, Rajnandgaon Special thanks - Guru kahan art museum. ध्रुव रूप अहो! मम अंतर में, प्रवचन, अहमदाबाद • ध्रुव रूप अहो मम अन्तर में