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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बोधगया की धरती पर आगमन को लेकर की बड़ी तैयारी चल रही है । 22 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिहार के गया जिले के बोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय परिसर में भव्य आगमन होने जा रहा है। इस दौरे को लेकर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में राजनीतिक और सामाजिक हलचल देखी जा रही है। प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम को लेकर जिस प्रकार की तैयारियां चल रही हैं, उससे यह स्पष्ट है कि यह केवल एक सरकारी आयोजन नहीं, बल्कि आने वाले बिहार विधानसभा चुनावों की दृष्टि से भी बेहद अहम है। सूत्रों के अनुसार, मोदी जी के आगमन को लेकर करोड़ों रुपये की लागत से विशाल टेंट सिटी बनाई जा रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस आयोजन में लगभग 10 लाख से अधिक लोगों का महा जुटान होगा। प्रशासन से लेकर पार्टी संगठन तक, सभी स्तरों पर व्यवस्थाओं को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था, यातायात नियंत्रण और सुविधा के लिए बड़े पैमाने पर इंतज़ाम किए जा रहे हैं। मोदी जी इस अवसर पर गया और आसपास के क्षेत्रों को विकास की बड़ी सौगात देने वाले हैं। बताया जा रहा है कि जिले और क्षेत्र को 1000 करोड़ रुपये से भी अधिक की परियोजनाओं का तोहफ़ा मिलेगा। इनमें बुनियादी ढाँचा विकास, पर्यटन को बढ़ावा देने वाली योजनाएँ, सड़क और रेल कनेक्टिविटी, एयरपोर्ट विस्तार और अन्य कल्याणकारी योजनाएँ शामिल हैं। विशेष रूप से बोधगया, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक पर्यटन का केंद्र है, वहाँ मोदी सरकार की प्राथमिकता बुनियादी सुविधाओं को विश्वस्तरीय बनाना है। गया जिला ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। महाबोधि मंदिर, विष्णुपद मंदिर और बोधगया अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल के रूप में पूरी दुनिया में जाना जाता है। ऐसे में प्रधानमंत्री का यहाँ आना केवल स्थानीय लोगों के लिए ही नहीं बल्कि बिहार की छवि को राष्ट्रीय और वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दिलाने का प्रयास है। राजनीतिक दृष्टि से भी यह दौरा खास माना जा रहा है। बिहार में विधानसभा चुनाव निकट हैं और राजनीतिक सरगर्मी तेज़ हो चुकी है। एनडीए और विपक्ष दोनों ही अपने-अपने स्तर पर चुनावी तैयारियों में जुटे हैं। मोदी जी का यह कार्यक्रम सीधे तौर पर बिहार की जनता तक संदेश देने का मंच होगा। यह कहना गलत नहीं होगा कि इस सभा के ज़रिए भाजपा और उसके सहयोगी दल राज्य की जनता के बीच अपनी उपलब्धियों और योजनाओं को लेकर विश्वास जगाने की कोशिश करेंगे। विपक्षी दल भी इस आयोजन पर अपनी निगाह बनाए हुए हैं। राहुल गांधी और अन्य नेताओं ने पहले ही गया में रैली कर अपनी राजनीतिक उपस्थिति दर्ज कराई है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी का यह कार्यक्रम निश्चित ही राजनीतिक संदेशों से भरा होगा। भीड़ का आकार, जनता की भागीदारी और उनकी प्रतिक्रिया आने वाले चुनावी परिदृश्य को प्रभावित कर सकती है। कुल मिलाकर, 22 अगस्त का दिन गया जिला और बिहार दोनों के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकता है। एक ओर जहाँ करोड़ों रुपये की परियोजनाएँ लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का वादा करती हैं, वहीं दूसरी ओर यह कार्यक्रम आगामी विधानसभा चुनावों का शंखनाद भी माना जा रहा है। दस लाख लोगों की भीड़ और अभूतपूर्व तैयारियाँ यह दर्शाती हैं कि नरेंद्र मोदी का यह आगमन केवल एक प्रशासनिक औपचारिकता नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति और विकास यात्रा का महत्वपूर्ण अध्याय बनने जा रहा है। #narendramodi #comingsoon #gayaji #rahulgandhi