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कंस का अत्याचार बढ़ चुका था, सभी लोग कंस से बहुत दुःखी थे। कंस के अत्याचार के कारण श्री हरी के पास सभी देवता जाते हैं और उनसे विनती करते हैं की वो पृथ्वी पर अवतार लेकर कंस के अत्याचारों से सभी को मुक्ति दिलाएँ। श्री हरी उनकी बात मान लेते हैं और कंस की बहन देवकी के आठवें पुत्र के रूप में जनम लेने की बात कहते हैं। कंस को जब यह आकाशवाणी सुनाई देती है की उसका वध देवकी का पुत्र करेगा तो वो उन्हें अपने पास कारागार में डाल देता हैं। कंस एक एक करके देवके के छः पुत्रों के जनम के तुरंत बाद मार देता है। श्री हरी देवकी और वासुदेव को दर्शन देते हैं और उन्हें कहते हैं की वो अब उनके आठवें पुत्र के रूप में जनम लेने वाले हैं और कंस का वध वही करेंगे। श्री हरी देवकी और वासुदेव को उनके पुनर जनम के तप के बारे में भी बताते हैं की उन्होंने तप करके श्री हरी को अपने पुत्र के रूप में माँगा था, इसलिए वो इस जनम में उनके पुत्र के रूप में जनम ले रहे हैं। देवकी और वसुदेव यह सब सुन कर श्री हरी को प्रणाम करते हैं। श्री हरी देवकी के गर्भ में अपने अवतार को स्थापित कर देते हैं। श्री कृष्ण के जनम के बाद देवी माया प्रभु की आज्ञा से वासुदेव को अपनी माया से जगती हैं और कृष्ण को कंस से बचाने के लिए गोकुल भेजते हैं जहां यशोदा ने एक कन्या को जनम दिया था जो की माँ शक्ति थी। वासुदेव कृष्ण को टोकरी में लेकर चल पड़ते हैं देवी माया कारागार के सभी दरवाज़ खोल देती हैं और सभी सैनिकों को भी बेहोश कर देती हैं। वासुदेव कृष्ण को लेकर अपने साथ निकल पड़ते हैं रस्ते में वो यमुना नदी पार करते हैं तो बारिश होने लगती है। शेष नाग क्षीर सागर से आते हैं और श्री कृष्ण को बारिश से बचाने के लिए अपने फ़न को को फैला देते हैं। देवी यमुना जी भी जल का स्तर बढ़ा देती हैं और उन्हें रोक देती हैं और श्री कृष्ण से विनती करती हैं की उन्हें अपने चरण चुने का मौक़ा दे। श्री कृष्ण यमुना जी की प्रार्थना स्वीकार कर लेते हैं और यमुना जी कृष्ण के चरण छूकर उन्हें प्रणाम करने के बाद नदी का स्तर काम कर देती हैं। वासुदेव नदी पार करके गोकुल पहुँच जाते हैं और यशोदा के पास लेती कन्या के साथ कृष्ण को बदल लेते हैं और वहाँ से वापस आ जाते हैं। वापस आने के बाद देवी माया वासुदेव को यह सारे वाक्य को मिटा देती हैं। श्रीकृष्णा, रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था। यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है। गर्ग संहिता , पद्म पुराण , ब्रह्मवैवर्त पुराण अग्नि पुराण, हरिवंश पुराण , महाभारत , भागवत पुराण , भगवद्गीता आदि पर बना धारावाहिक है सीरियल की पटकथा, स्क्रिप्ट एवं काव्य में बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ विष्णु विराट जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसे सर्वप्रथम दूरदर्शन के मेट्रो चैनल पर प्रसारित 1993 को किया गया था जो 1996 तक चला, 221 एपिसोड का यह धारावाहिक बाद में दूरदर्शन के डीडी नेशनल पर टेलीकास्ट हुआ, रामायण व महाभारत के बाद इसने टी आर पी के मामले में इसने दोनों धारावाहिकों को पीछे छोड़ दिया था,इसका पुनः जनता की मांग पर प्रसारण कोरोना महामारी 2020 में लॉकडाउन के दौरान रामायण श्रृंखला समाप्त होने के बाद ०३ मई से डीडी नेशनल पर किया जा रहा है, TRP के मामले में २१ वें हफ्ते तक यह सीरियल नम्बर १ पर कायम रहा। In association with Divo - our YouTube Partner #shreekrishna #shreekrishnamahina #krishna #krishnamahima