У нас вы можете посмотреть бесплатно अंतराष्ट्रीय कुडखर कोहां बेंजा 2025 शांतिपूर्ण संपन्न или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
#apna_rohtas #बिहार #nitishkumar #phed #rohtas #rohtasfort #rohtasgarhfort #अपना_रोहतास #मुखिया #bpsc दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कुडखर कोहां बेंजा हुआ समापन अगले वर्ष 1 लाख आदिवासीयों की आने की उम्मीद रोहतास/रोहतास प्रखंड क्षेत्र के कैमूर पहाड़ी पर स्थित रोहतासगढ़ किला परिसर में आदिवासियों का दो दिवसीय कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय कुडखर कोहं बेंजा का समापन सोमवार को हरगड़ी का कार्य शांतिपूर्ण समापन हुआ। बताया गया कि रविवार को इस कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ था जिसमें भारत के अलग अलग राज्यों से आदिवासी उरांव आए हुए थे। रात्रि के तीनो पहर में मांडर की थाप पर लोगों ने मांडर गीत गाकर अपने पुरखों को जगाने का कार्य किया। साथ ही कई राज्यों से आए हुए आदिवासियों ने सभी गोत्र के अगुवा एवं पांडा से वार्ता किया। तथा आदिवासी समूह में सभी को अपने पुरखों के बने हुए नियमों को पालने करने की बात रखी गई। अंतरराष्ट्रीय कुडखर कोहं बेंज कैमूर रोहतास के अध्यक्ष सुदामा उरांव ने बताया कि इस वर्ष लगभग 10 हजार लोग आए हुए हैं। तथा यही कार्यक्रम 2026 में पुष पूर्णिमा के दिन आयोजित होगी। जिसमें पूरे विश्व से लगभग 1 लाख से ज्यादा लोग रोहतास गढ़ किला आएंगे। आए हुए आदिवासियों के द्वारा किला परिसर में मौजूद चार कर्म वृक्ष की पूजा अर्चना विधवत की गई। उसके बाद सोमवार के दोपहर में किला परिसर से पश्चिम दक्षिण दिशा की ओर अपने-अपने गोत्रों का झंडा लगाया। इस दौरान अपने पुरखों को दातुन पानी एवं भोजन अर्पित कर हरगडी का कार्य संपन्न किया गया । आदिवासी सरना धर्मगुरु बंधन बंधन तिगा ने बताया कि आज के परिवेश में हमारे समुदाय के लोग अलग-अलग प्रांताओ में बस गए हैं। हम सभी इसी रोहतासगढ़ के वंशज हैं और बड़ी सौभाग्य की बात है कि अगले तीन वर्षों से यह कार्यक्रम हो रहा है और प्रत्येक वर्ष आदिवासी भाइयों के आने का संख्या बढ़ रहा है। धर्मगुरु ने बताया कि आदिवासी उरांव समुदाय के इस वर्ष 25 से ज्यादा गोत्र के लोग आए हुए थे । जो अपने-अपने गोत्र के झंडा लेकर अपने पूर्वजों को नमन करते हुए हरगड़ी स्थल पर पहुंचे और दातुन पानी एवं अन्य अर्पित कर अपने पूर्वजों से आशीर्वाद मांगा । धर्मगुरु ने बताया कि जिस तरह से दूसरे समुदाय में लोग छूतका में रहते हैं इस प्रकार से आज पूस पूर्णिमा के हरगड़ी के बाद हम लोग आज से 11 महीने सभी शुभ कार्यों को करते है। इस कार्यक्रम में उड़िसा से झारियो उरांव,निर्मला प्रधान भोपाल मध्य प्रदेश, उत्तरप्रदेश से बबलू घनघर, जनार्दन टाना भगत सरना धरना प्रचारिका रेनू तिर्की बंगाल मुख्य योगेंद्र उरांव मनोज उरांव मदन उरांव सहित कई लोग मौजूद थे। @apnarohtas • अंतरराष्ट्रीय कुडखर कोन्हा बेंजा में कई प्...