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वृंदावन शोध संस्थान में सोमवार को ब्रजोत्सव-2025 के छटवें दिन प्रथम सत्र में गोपाल सहस्त्रनाम पाठ, समाज गायन, ब्रज बानी कहै ब्रजराज कहानी शीर्षक डॉ0 रामदास गुप्त स्मृति व्याख्यान, ब्रज और रासलीलानुकरण परंपराः वस्त्र अलंकरण विषयक प्रदर्शनी का लोकार्पण एवं द्वितीय सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम, पुरूस्कार एवं प्रमाण पत्र वितरण आदि कार्यक्रम आयोजित किए गए। व्याख्यान के दौरान मुख्यवक्ता प्रो0 विद्योत्तमा मिश्रा ने कहा ब्रज भारत का हृदय है। ब्रज प्रेम, भाव, लीला, कर्म, योग, शौर्य एवं शक्ति आदि की भूमि है। शुक्त यजुर्वेद, पद्म पुराण, वराह पुराण एवं संहिताओं में ब्रज का उल्लेख प्राप्त होता है। श्रीकृष्ण ने ब्रज में उत्सव एवं पर्यावरण रक्षक संस्कृति की स्थापना की। कार्यक्रम अध्यक्ष स्वामी महेशानंद सरस्वती ने कहा कि ब्रज संस्कृति भारतीय संस्कृति का मूलाधार है। ब्रजभाषा में आत्मकथा, काव्यशास्त्र, वीर काव्य, एवं भक्ति काव्य की रचना हुई है। संस्थान अध्यक्ष आर0डी0 पालीवाल ने बताया कि वृंदावन शोध संस्थान की सांस्कृतिक शोध यात्रा के 58 वर्ष पूर्ण हो रहे है। पिछले 58 वर्षो में संस्थान ने ब्रज संस्कृति एवं ब्रजभाषा के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। इससे पूर्व व्याख्यान कार्यक्रम का शुभारंम ठा0 बांकेबिहारी के चित्रपट पर माल्यार्पण से हुआ। कार्यक्रम अन्तर्गत रासलीलानुकरण में प्रयुक्त वस्त अलंकरणों पर आधारित प्रदर्शनी का लोकार्पण किया गया। रंगनाथ पादुका वैदिक गुरूकुल के छात्रों द्वारा स्वस्तिवाचन, मंगलाचरण भूमिका उपाध्याय द्वारा एवं प्रभुदास बाबा द्वारा काव्य प्रस्तुति दी गई। संस्थान निदेशक द्वारा अतिथियों का स्वागत पटुका उढ़ाकर किया गया। विनोद झा द्वारा गोपाल मंदिर में गोपाल सहस्त्रनाम का पाठ किया गया। पुलकित खण्डेलवाल, हित शरण दास, राधावल्लभ दास, व्यासनंदन, माधुरी शरण जी, प्रेम बिहारिन दास, एवं गंगा प्रिया द्वारा समाज गायन प्रस्तुत किया गया। इस दौरान संस्थान द्वारा स्व0 पार्थ सारथी मिश्र तन्मय साधक सम्मान ध्रुपद गापिका सुश्री भव्या सारस्वत को दिया गया। संस्थान के निदेशक डॉ0 राजीव द्विवेदी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि ब्रजभाषा एवं ब्रज संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु संस्थान कटिबद्ध है। ब्रज की युवा पीढ़ी को प्रोत्साहित करने के लिए संस्थान द्वारा पुरूस्कार भी प्रारंभ किया गया है। द्धितीय सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में मंगलाचरण श्रीभगवान दास शर्मा द्वारा, स्वागत गायन वृंदावन पब्लिक स्कूल छात्र-छात्राओं द्वारा, पद गायन कृष्णा शर्मा द्वारा, भरतनाट्यम नृत्य वंदा और रम्या द्वारा, ओडिसी नृत्य कु0 रोचन द्वारा, नृत्य प्रस्तुति राधिका, चांदनी एवं खुशी द्वारा, योग नृत्य विद्यार्थियों द्वारा युद्धक कला पर आधारित श्रीराधाबल्लभ के निर्देशन में, बधाई नृत्य आयुष कौशिक एवं अन्य द्वारा, सत्रीयारास, सांस्कृतिक प्रस्तुति, मूक अभिनय राजकीय उ0मा0 विद्यालय, भद्रवन द्वारा डॉ0 रोली तिवारी के निर्देशन में प्रस्तुति किया गया। इसके अलावा ब्रजभाषा कवि सम्मेलन में मोहनलाल मोही, डॉ0 नीतू गोस्वामी, डॉ0 ब्रजभूषण चतुर्वेदी, श्री अशोक अज्ञ, शिवांगी प्रेरणा, श्री अटलराम चतुर्वेदी, श्रीमती रेनू उपाध्याय एवं राम गोपाल ग्वाल द्वारा मनोहर काव्य पाठ किया। ब्रजभाषा काव्य सम्मेलन की अध्यक्षता महेश खंडेलवाल द्वारा की गयी। सांस्कृतिक कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पीपा पीठाधीश्वर श्रीबलराम बाबा, स्वामी श्री गोविंदानंद तीर्थ, पद्मश्री कृष्ण कन्हाई,ं जिलाधिकारी मथुरा एवं आगरा कमिश्नर श्री शैलेन्द्र कुमार सिंह रहे। सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ ठा0 बांके बिहारी के चित्रपट पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 राजेश शर्मा, एवं श्रीमती ममता कुमारी द्वारा किया गया। इस अवसर पर उदयन शर्मा, सुशीला गुप्ता, सचिव प्रवीण गुप्ता, विभुकृष्ण भट्ट, जनारदन भट्ट आदि गणमान्य नागरिक एवं समस्त संस्थान कर्मी उपस्थित रहे।