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बिज रूप स्थिति से विक्रम विनाश | अमृतवेला शक्तिशाली अनुभव करें | Yᴏɢ Cᴏᴍᴍᴇɴᴛᴀʀʏ скачать в хорошем качестве

बिज रूप स्थिति से विक्रम विनाश | अमृतवेला शक्तिशाली अनुभव करें | Yᴏɢ Cᴏᴍᴍᴇɴᴛᴀʀʏ 5 лет назад

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बिज रूप स्थिति से विक्रम विनाश | अमृतवेला शक्तिशाली अनुभव करें | Yᴏɢ Cᴏᴍᴍᴇɴᴛᴀʀʏ

Title - बिज रूप स्थिति से विक्रम विनाश और मनसा सेवा Speaker - BK Rahul बीजरूप स्थिति तथा अलौकिक अनुभूतियाँ - अव्यक्त बापदादा - 27-03-82: साथ जाने के लिए बिन्दु बनना पड़े। और बिन्दु बनने के लिए सर्व प्रकार के बिखरे हुए विस्तार अर्थात् अनेक शाखाओं के वृक्ष को बीज में समाकर बीजरूप स्थिति अर्थात् बिन्दू में सबको समाना पड़े। लौकिक रीति में भी जब बड़े विस्तार का हिसाब करते हो तो सारे हिसाब को समाप्त कर लास्ट में क्या कहते? कहा जाता है - ‘कहो शिव अर्थात् बिन्दी'। ऐसे सृष्टि चक्र वा कल्प वृक्ष के अन्दर आदि से अन्त तक कितने हिसाब किताब के विस्तार में आये? अपने हिसाब किताब की शाखाओं अथवा विस्तार रूपी वृक्ष को जानते हो ना? देह के हिसाब की शाखा, देह के सम्बन्धों की शाखायें, देह के भिन्नभिन्न पदार्थों में बन्धनी आत्मा बनने की शाखा, भक्ति मार्ग और गुरूओं के बन्धनों के विस्तार की शाखायें, भिन्न-भिन्न प्रकार के विकर्मों के बन्धनों की शाखायें, कर्मभोग की शाखायें, कितना विस्तार हो गया। अब इन सारे विस्तार को बिन्दु रूप बन बिन्दी लगा रहे हो? सारे विस्तार को बीज में समा दिया है वा अभी भी विस्तार है? इस जड़जड़ीभूत वृक्ष की किसी भी प्रकार की शाखा रह तो नहीं गई है? संगमयुग है ही पुराने वृक्ष की समाप्ति का युग। तो हे संगमयुगी ब्राह्मणों! पुराने वृक्ष को समाप्त किया है? जैसे पत्ते-पत्ते को पानी नहीं दे सकते। बीज को देना अर्थात् सभी पत्तों को पानी मिलना। ऐसे इतने 84 जन्मों के भिन्न-भिन्न प्रकार के हिसाब-किताब का वृक्ष समाप्त करना है। एक-एक शाखा को समाप्त करने का नहीं। आज देह के स्मृति की शाखा को समाप्त करो और कल देह के सम्बन्धों की शाखा को समाप्त करो, ऐसे एक-एक शाखा को समाप्त करने से समाप्ति नहीं होगी। लेकिन बीज बाप से लगन लगाकर, लगन की अग्नि द्वारा सहज समाप्ति हो जायेगी। काटना भी नहीं है लेकिन भस्म करना है। आज काटेंगे, कुछ समय के बाद फिर प्रकट हो जायेगा - क्योंकि वायुमण्डल के द्वारा वृक्ष को नैचुरल पानी मिलता रहता है। जब वृक्ष बड़ा हो जाता है तो विशेष पानी देने की आवश्यकता नहीं होती। नैचरल वायुमण्डल से वृक्ष बढ़ता ही रहता है वा खड़ा हुआ रहता है। तो इस विस्तार को पाये हुए जड़जड़ीभूत वृक्ष को अभी पानी देने की आवश्यकता नहीं है। यह आटोमैटिक बढ़ता जाता है। आप समझते हो कि पुरूषार्थ द्वारा आज से देह सम्बन्ध की स्मृति रूपी शाखा को खत्म कर दिया, लेकिन बिना भस्म किये हुए फिर से शाखा निकल आती है। फिर स्वयं ही स्वयं से कहते हो वा बाप के आगे कहते हो कि यह तो हमने समाप्त कर दिया था फिर कैसे आ गया! पहले तो था नहीं फिर कैसे हुआ। कारण? काटा, लेकिन भस्म नहीं किया। आग में पड़ा हुआ बीज कभी फल नहीं देता। तो इस, हिसाब-किताब के विस्तार रूपी वृक्ष को लगन की अग्नि में समाप्त करो। फिर क्या रह जायेगा? देह और देह के सम्बन्ध वा पदार्थ का विस्तार खत्म हो गया तो बाकी रह जायेगा ‘बिन्दु आत्मा वा बीज आत्मा'। जब ऐसे बिन्दु, बीज स्वरूप बन जाओ तब आवाज से परे बीजरूप बाप के साथ चल सको। इसलिए पूछा कि आवाज से परे जाने के लिए तैयार हो? विस्तार को समाप्त कर दिया है? बीजरूप बाप, बीज स्वरूप आत्माओं को ही ले जायेंगे। बीज स्वरूप बन गये हो? जो एवररेडी होगा उसको अभी से अलौकिक अनुभूतियाँ होती रहेंगी। यह देह और आत्मा रूपी बीज, दोनों ही बिल्कुल अलग हैं। ऐसे आत्मा न्यारेपन का चलते फिरते बार-बार अनुभव करेंगे। नालेज के हिसाब से नहीं कि आत्मा और शरीर अलग हैं। लेकिन शरीर से अलग मैं आत्मा हूँ! यह अलग वस्तु की अनुभूति हो। जैसे स्थूल शरीर के वस्त्र और वस्त्र धारण करने वाला शरीर अलग अनुभव होता है ऐसे मुझ आत्मा का यह शरीर वस्त्र है, मैं वस्त्र धारण करने वाली आत्मा हूँ। ऐसा स्पष्ट अनुभव हो। जब चाहे इस देह भान रूपी वस्त्र को धारण करें, जब चाहे इस वस्त्र से न्यारे अर्थात् देहभान से न्यारे स्थिति में स्थित हो जायें। ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬●ஜ अव्यक्त वाणियों से चुने हुए महावाक्यों के लिए :- Get Powerful Avyakt Murli Points, Images & Meditation Commentaries.. Click & Join WhatsApp Group :- https://whatsapp.com/channel/0029Va5d... ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬●ஜ ɾҽցαɾժs, अव्यक्त मुरली Essence टीम ϐℓєѕѕє∂ ϐγ BK Mruthyunjaya Bhaiji (Madhuban) ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬●ஜ Join - AvyaktMurliEssence ⦿ WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va5d... ⦿ Telegram : https://t.me/s/AvyaktMurliEssence ⦿ Facebook:   / avyaktmurliessence   ⦿ Instagram:   / avyakt_murli_essence   Join - BK Rahul Meditation ⦿ YouTube:    / bkrahul   ⦿ Facebook:   / bkrahulmeditation   ⦿ Instagram:   / bk_rahul_meditation   Join - Sakar Murli Essence ⦿ Facebook:   / sakarmurliessence   ⦿ Instagram:   / sakar_murli_essence   If you have any question to ask then you can send that message/question with your Name, Age, Place and Mobile number. EMAIL - [email protected] Only WHATSAPP - +919850055544 Please subscribe to our channel and send your suggestions/Requests for new Meditation Commentaries. We will try to Upload it at the earliest.

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