У нас вы можете посмотреть бесплатно Hanuman Chalisa | हनुमान चालीसा | Destroyer of All Negativity | Powerful Divine Chant или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
Hanuman Chalisa | हनुमान चालीसा | Destroyer of All Negativity | Powerful Divine Chant Hanuman Chalisa | हनुमान चालीसा | Destroyer of All Negativity | Powerful Divine Chant #HanumanChalisa #SankatMochan #HanumanBhakti #powerfulchants Hanuman Chalisa Hanuman Chalisa Full Hanuman Chalisa Powerful Version Hanuman Chalisa Path Sankat Mochan Hanuman Jai Hanuman Hanuman Bhajan 2025 Hanuman Chalisa with Lyrics Bajrangbali Bhajan Hanuman Chalisa Devotional Song Hanuman Chalisa Best Version Hanuman Chalisa Chanting Shri Hanuman Chalisa Hanuman Chalisa for Peace and Positivity Hanuman Chalisa Morning Prayer Hanuman Chalisa, Hanuman Chalisa Full, Hanuman Chalisa with lyrics, Sankat Mochan Hanuman, Hanuman Bhajan, Hanuman Chalisa 2025, Hanuman Chalisa Powerful, Bajrangbali Bhajan, Jai Hanuman, Hanuman Chalisa Path, Hanuman Chalisa Original, Hanuman Chalisa Bhakti, Hanuman Chalisa Hindi, Hanuman Chalisa English, Shri Hanuman Chalisa, Hanuman Chalisa benefits, Hanuman Chalisa chanting, Hanuman Chalisa devotional song, Hanuman Chalisa for peace, Hanuman Chalisa prayer Hanuman Chalisa status Hanuman Chalisa morning Hanuman Chalisa night Hanuman Chalisa fast version Hanuman Chalisa slow version Hanuman Chalisa 108 times Hanuman Chalisa super powerful Hanuman Chalisa chanting mantra Hanuman Chalisa best version Hanuman Chalisa meditation Hanuman Chalisa peaceful Hanuman Chalisa energetic Hanuman Chalisa remix Hanuman Chalisa Bhakti song Hanuman Chalisa mantra meditation Hanuman Chalisa new 2025 Hanuman Chalisa original path Hanuman Chalisa devotional music ॥ दोहा ॥ श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥ बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार । बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥ ॥ चौपाई ॥ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा ॥ महाबीर बिक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ॥ कंचन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुंडल कुंचित केसा ॥ हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै । काँधे मूँज जनेऊ साजै ॥ संकर सुवन केसरीनंदन । तेज प्रताप महा जग बंदन ॥ बिद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ॥ प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लखन सीता मन बसिया ॥ सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा । बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥ भीम रूप धरि असुर सँहारे । रामचंद्र के काज सँवारे ॥ लाय सजीवन लखन जियाये । श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥ रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥ सहस बदन तुम्हरो जस गावैं । अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं ॥ सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा । नारद सारद सहित अहीसा ॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते । कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥ तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा । राम मिलाय राज पद दीन्हा ॥ तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना । लंकेस्वर भए सब जग जाना ॥ जुग सहस्र जोजन पर भानू । लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥ प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं । जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥ दुर्गम काज जगत के जेते । सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥ राम दुआरे तुम रखवारे । होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥ सब सुख लहै तुम्हारी सरना । तुम रक्षक काहू को डर ना ॥ आपन तेज सम्हारो आपै । तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै । महाबीर जब नाम सुनावै ॥ नासै रोग हरै सब पीरा । जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥ संकट तें हनुमान छुड़ावै । मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥ सब पर राम तपस्वी राजा । तिन के काज सकल तुम साजा ॥ और मनोरथ जो कोई लावै । सोई अमित जीवन फल पावै ॥ चारों जुग परताप तुम्हारा । है परसिद्ध जगत उजियारा ॥ साधु संत के तुम रखवारे । असुर निकंदन राम दुलारे ॥ अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता । अस बर दीन जानकी माता ॥ राम रसायन तुम्हरे पासा । सदा रहो रघुपति के दासा ॥ तुम्हरे भजन राम को पावै । जनम जनम के दुख बिसरावै ॥ अंत काल रघुबर पुर जाई । जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई ॥ और देवता चित्त न धरई । हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ॥ संकट कटै मिटै सब पीरा । जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥ जय जय जय हनुमान गोसाईं । कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥ जो सत बार पाठ कर कोई । छूटहि बंदि महा सुख होई ॥ जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा । होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥ तुलसीदास सदा हरि चेरा । कीजै नाथ हृदय मँह डेरा ॥ ॥ दोहा ॥ पवनतनय संकट हरन मंगल मूरति रूप । राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप ॥