У нас вы можете посмотреть бесплатно बात अमर बकरे की। पहले भेटी और अब भेंट का सिलसिला। Desert Times TV। आपकी आवाज। или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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बात अमर बकरे की भेटी और उसके बाद सतत हो रही भेंट यानी मुलाकातों से करूं। बाड़मेर का वो बापर्दा अमर बकरा वहां की राजनीति को कुछ बेपर्दा कर रहा है। ये अमर बकरा आज चर्चा में है और उसकी वजह भी। उसने टक्कर एक ऐसे व्यक्ति को मारी है जो बीते 22 सालों से अपने पिता की राजनीतिक गादी पर बैठना चाहते है। अमर बकरे ने चौहटन की विधायक कुर्सी पर सात बार काबिज रहे मरहूम अब्दुल हादी के पुत्र गफूर अहमद को भेटी मारी। अब्दुल हादी पहली बार 1967 में बाड़मेर की चौहटन विधानसभा सीट से mla बने। हालांकि 1952 में हादी सांचौर से MLA बने। 1957 में चौहटन पहली बार एक विधानसभा सीट बनी। 1957 में यहां से पहला चुनाव वली मोहम्मद जीते। अगला 1962 में चुनाव आया तो यहां पर अहमद बक्श सिंधी को उतारा गया। लेकिन वे चुनाव हार गए और स्वतंत्र पार्टी से फतेह सिंह चुनाव जीते। 1967 में हादी पहली बार चौहटन विधानसभा सीट से विधायक बने और उसके बाद 1967 से 2003 तक हादी का कब्जा रहा। 1972 में हादी जीते 1977 में फिर फिर जीते। 1980 में हादी डोसी से हार गए 1985 में फिर हादी का कब्जा रहा। 93 में हादी फिर जीते। 1996 में हादी हार गए। और एक बार फिर डोसी यहां से विधायक बने। उसके बाद 1998 में जब गहलोत की पहली बार सरकार बनी तब हादी फिर चुनाव जीते। 2003 में हादी चुनाव हार गए। उनके सामने गंगाराम चौधरी थे वे चुनाव जीत गए और हादी का 2003 का यह अंतिम चुनाव था। हादी परिवार को पहली भेटी 2008 में लगी। 2008 में ये सीट रिजर्व हो गई। 2008 में यहां से पदमाराम विधायक बने 2013 में तरुण राय कागा बीजेपी से वह विधायक बने और फिर 2018 में एक बार फिर पदमाराम यहां से विधायक बने और 2023 में भाजपा से अधुराम मेघवाल विधायक है तो पहली भेटी तो 2008 में लग गई। अब कुछ वैज्ञानिक बात;; डार्विन की थ्योरी को “प्राकृतिक चयन का सिद्धांत (Theory of Natural Selection)” कहा जाता है। इसके अनुसार; भोजन, पानी और रहने की जगह सीमित होती है, इसलिए जीवों में संघर्ष होता है। प्राकृतिक चयन (Natural Selection) जो जीव अपने वातावरण के अनुसार बेहतर अनुकूलन कर लेते हैं, वही जीवित रहते हैं। (Survival of the Fittest) जो सबसे ज़्यादा अनुकूल होता है, वही खुद को आगे बढ़ाता है। अब हादी परिवार इसी थ्योरी के साथ खुद को ढाल कर 22 सालों से इंतजार में है लेकिन ये कह सकते है कि खुद को राजनीति में जिंदा भी रखे हुए है और वजूद भी रखते है।। डार्विन अपनी रिसर्च में कह गए ;; की जीवन संघर्ष है, लेकिन अंधा नहीं। जो सीखता है, बदलता है, वही आगे बढ़ता है।!! नमस्कार लेकिन जाने से पहले एक बात सोशल मीडिया के मंचों पर Pics Politico, Desert Times, निखिल की रिपोर्ट, खबर डाकिया और हम है देसी को अपना प्यार देते रहिएगा। रिपोर्ट कैसी लगी कॉमेंट जरूर करिएगा।