У нас вы можете посмотреть бесплатно HIMALAYAN HIGHWAYS| Chamoli's Remote Village Kheta-Manmati| खेता -मानमती | UTTARAKHAND| DEWAL| или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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HIMALAYAN HIGHWAYS। हिमालयन हाइवेज सुदूर पहाड़ों में जीवनशैली और लोकसंस्कृति से जुड़ा एक और गांव.... बुनियादी सुविधाओं के अभाव के वावजूद बुलन्द हौसलों से तय होता जीवन का सफर... एक तरफ जीवन में पैदल सफर का दौर तो दूसरी तरफ अब गांव आती उबड़ खाबड़ सड़क पर गाड़ी की सवारी.... पहाड़ों के एकांत में सीधे स्वभाव और सादगी से एक दूसरे के साथ हंसी ठिठोली.... नमस्कार हिमालयन हाइवेज के एक ओर एपिसोड में आपका स्वागत है। आज हम आपके लिए लाए है उत्तराखण्ड के सुदूर क्षेत्र में स्थित खेता मानमती गांव की जीवनशैली। बुग्यालों से लगे इस क्षेत्र में जहां एक तरफ पहाड़ों की सुंदर श्रृंखला है वही पिंडर घाटी में बहती पिंडर नदी का संगीत भी सुनाई देता है। खेता मानमती गांव बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ है और इसकी आबादी का विस्तार लगभग एक दर्जन से अधिक हिस्सों में निवास करता है। । हिमालयन हाइवेज के इस एपिसोड को हम आप तक दो हिस्सों में लेकर आये है। आज पहले एपिसोड में हम आपके लिए लेकर आये है खेता गांव के साथ पहचान रखने वाले मानमती गांव को। किसी दौर में खेता मानमती तक पहुंचना किसी चुनौती से कम नही होता था और स्थानीय क्षेत्र में इन गांवो तक पहुंचने वाले लोग कम ही होते थे। चमोली जनपद के थराली तहसील स्थित देवाल विकासखण्ड से खेता मानमती गांव पहुंचने के लिए सड़क मार्ग उपलब्ध है। देवाल मुख्य बाजार से लगभग पच्चीस किलोमीटर दूर स्थित इस क्षेत्र में जीवन आज जितना आसान दिखता है उतना कभी रहा नही। कुछ साल पहले तक भी बाहर नौकरी करने वाले स्थानीय लोग भी कई किलोमीटर का पैदल सफर तय कर अपने घर पहुंचते थे। आइए जानते है कि मानमती गांव के इतिहास को साथ ही यहां आबादी की बसावट को लेकर बुजुर्गों के अनुभव... उत्तराखण्ड के गढ़वाल और कुमांऊ की सीमा से लगे इस क्षेत्र में कुंमाऊं की लोकसंस्कृति का प्रभाव आम बोलचाल से लेकर रीति रिवाजों में भी नजर आता है। कुंमाऊं के बागेश्वर जनपद से लगी सीमा के चलते यहां दोनों क्षेत्रों में रिश्तेदारियां भी है। खेता मानमती गांव में धार्मिक आस्था की जड़े अन्य गांवों की तरह काफी पौराणिक है और यहां धार्मिक आयोजन साल भर आयोजित किये जाते है। गांव में देवी देवताओं के मन्दिर ओर उनके महत्त्व को स्थानीय लोग विस्तार से बयां करते है। खेता मानमती गांव में कृषि और पशुपालन शुरू से ही जीवनशैली का अहम हिस्सा रहा है। खेता गांव में आबादी की बसावट के बाद मानमती गांव में आबादी की बसावट शुरू हुई। स्थनीय लोगों के मुताबिक कृषि योग्य भूमि और पशुओं के चारे की उपलब्धता के चलते लोग यहाँ बसने शुरू हुए और आज यहां पूरा गांव बस गया। पहले के मुकाबले अब यहां बुनियादी सुविधाएं पहुंची है लेकिन अभी भी संचार सेवा का विस्तार न होना बड़ी समस्या है.. सड़क मार्ग बनने के बाद जहां एक तरफ इस क्षेत्र में आवाजाही आसान हुई है वहीं दैनिक रोजमर्रा की वस्तुएं भी गांव में उपलब्ध होने लगी है। पलायन की समस्या यहां भी नजर आती है लेकिन धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में ग्रामीणों की एकजुटता नजर आती है... किसी दौर में खेता मानमती पहुंचना सबसे मुश्किल कार्य होता था लेकिन अब ये सुदूर क्षेत्र दूर नही रह गए है। सड़क मार्ग बनने के बाद तेजी से सामाजिक और आर्थिक बदलाव यहां नजर आने लगे है। हिमालयन हाइवेज के आज के एपिसोड में इतना ही। इस एपिसोड के अगले हिस्से में आप देखिये खेता गांव में लोकसंस्कृति के रंग साथ ही स्थानीय लोगों की जुबानी जीवनशैली में आये बदलाव की कहानी.. हिमालयन हाइवेज, उत्तराखंड,चमोली,थराली, देवाल, खेता-मानमती, चमोली का दूरस्थ गाँव, गढ़वाल का गाँव, उत्तराखंड के गाँवों की यात्रा, उत्तराखंड पर्यटन, उत्तराखंड लोक संगीत और नृत्य, पहाड़ों में गाँवों का इतिहास, गड़िया परिवार, कुंमाऊ की संस्कृति, पिंडर घाटी के गाँव,