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Latest new Phari song2023, जागेश्वर महादेव की नाटी,voice Rinku Sirigadiya, Music Gian Negi ,,,,,,, 1 год назад


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Latest new Phari song2023, जागेश्वर महादेव की नाटी,voice Rinku Sirigadiya, Music Gian Negi ,,,,,,,

#New_latest_Himachal_phari_nati_2023 New song... #Jai_jagshwer_mahdev ki nati , Voice & Lyrics. #Rinku_Sirigadiya Mobile number &Whatsaap number,7018123266 Music. #Gian_Negi Video editing. #Chand_Phatak Spesell, thanks,,Ramesh Verma Kartik Sharma, Vishu Thakur, Vishal Dixhit ,Prem Singh Rathour मंदिर कमेटी दलाश ,, सभी महिला मंडल का बहुत बहुत धन्यवाद् ,, जिन्होंने इस गीत की वीडियो बनाने में बहुत ही सहयोग दिया ,,,,    / @rdmusicproductionrakeshdogra   #paharisongs2023 #newrinkusirigadiya #latest dhili nati song ---------------------------------    / @gianmusic743   📲 Social Media Links ▶Rinku Sirigadiya INSTAGRAM : https://instagram.com/singerrinkusiri... FACEBOOK : https://www.facebook.com/profile.php?...    / @chandpathakofficial   ---------------------------------------------------------------------------- नाटी के बनाने के लिए संपर्क करे :,, 70181 23266 ---------------------------------------------------------------------------- if anyone Found the re-uploading of song/ content will Be Liable for copyright claim .... Himachali song © All Rights reserved with SIRIGAD FOLK PRESENTS जगश्वेर महादेव की उत्पति हिमरी गढ़ के कोटखबाड नामक स्थान में हुई थी, वहां से खड़ में पानी के बहाव में बह कर जाज़र से पानी की नेहर में रठोह नामक स्थान में समा गए , बहा पर गछंवा के पनाहर गाओ का एक आदमी खेत में हल चला रहा था, तब हल की नोक के मखोटा उपर निकाल गया , हल की नोक के निशान आज भी जगश्वेर महादेव के चेहरे व ठोड़ी पर देखने को मिलते है ,,,,फिर किसान उस मोरहे को अपने घर ले पनाहर (गछंवा)लाया ,,, तब एक दिन उसको आकाशवाणी हुई, कि जहां पर चींटियां की पंक्ति जा कर रुकेगी बहा पर मेरा मंदिर बनाना ,,चींटियां पनाहर (गछंवा)से एक लाइन में चली और दलाश पुराना नामक स्थान( द्वाश)में आ कर रुक गई ,,फिर महादेव जगश्वेर जी का मंदिर द्वापर युग में बनाया गया ,,, द्वापर युग में जगश्वेर महादेव इस दलाश नामक स्थान में बनाया गया ,, दलाश नामक स्थान को द्वाश कहते थे ,,कहा जाता है द्वापर युग में यह द्वादश ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई थी,, आज भी बिराजमान है,,,,, और जगश्वेर महादेव जी को पूरे सिरीगढ क्षेत्र के आराध्य देवता भी कहा जाता है ,,,

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