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#बिजनौरऔरखतोलीकाप्राचीनशिवमंदिर, #बिजनौर का सबसे पुराना मंदिर बिजनौर और खतोली का प्राचीन शिव मंदिर उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित बिजनौर ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से एक बेहद महत्वपूर्ण ज़िला है। यह गंगा नदी के तट पर बसा हुआ है और प्राचीन काल से ही साधु–संतों, तपस्वियों और भक्तों की साधना भूमि रहा है। बिजनौर का नाम आते ही यहाँ के हरे-भरे खेत, गंगा की पवित्र धारा और लोक संस्कृति की सुगंध मन को आकर्षित करती है। इसी बिजनौर जिले के खतोली गाँव में स्थित है एक अत्यंत प्राचीन शिव मंदिर, जिसे स्थानीय लोग बाबा भोलेनाथ का धाम कहते हैं। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि यहाँ की लोककथाओं, परंपराओं और ऐतिहासिक महत्व के कारण श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष स्थान रखता है। खतोली शिव मंदिर का इतिहास माना जाता है कि यह शिव मंदिर कई सौ वर्षों पुराना है। पुरानी मान्यताओं के अनुसार इस स्थान पर किसी सिद्ध योगी या साधक ने कठोर तपस्या की थी और भोलेनाथ ने यहाँ प्रकट होकर उन्हें दर्शन दिए। तभी से यह जगह पवित्र मानी जाती है और यहाँ शिवलिंग की स्थापना हुई। कुछ बुजुर्ग बताते हैं कि यहाँ का शिवलिंग स्वयंभू है, यानी यह धरती से अपने आप प्रकट हुआ। इसी कारण इस मंदिर को चमत्कारी मंदिर भी कहा जाता है। धार्मिक महत्व शिव भक्तों के लिए यह मंदिर आस्था का अटूट केंद्र है। श्रावण मास में यहाँ दूर-दूर से कांवड़िये आते हैं और गंगाजल चढ़ाकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं। महाशिवरात्रि पर मंदिर में मेले जैसा माहौल होता है, हजारों श्रद्धालु पूरी रात रुद्राभिषेक, भजन-कीर्तन और आरती में शामिल होते हैं। स्थानीय लोगों का विश्वास है कि यहाँ सच्चे मन से की गई प्रार्थना शीघ्र ही पूर्ण होती है, चाहे वह स्वास्थ्य से जुड़ी हो, संतान सुख की इच्छा हो या किसी संकट से मुक्ति। स्थापत्य और वातावरण मंदिर की बनावट प्राचीन शैली की झलक लिए हुए है। गर्भगृह में स्थित काले पत्थर का शिवलिंग भक्तों को अद्भुत शांति प्रदान करता है। मंदिर परिसर में पुराने बरगद और पीपल के वृक्ष हैं जो वातावरण को और भी आध्यात्मिक बनाते हैं। पास ही एक छोटा-सा तालाब भी है, जहाँ भक्त स्नान कर शुद्ध होकर पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिर के चारों ओर ग्रामीण संस्कृति की सादगी और पवित्रता आज भी वैसी ही है जैसी सदियों पहले रही होगी। पर्यटन और यात्रा बिजनौर आने वाले यात्री खतोली के इस प्राचीन शिव मंदिर को अवश्य देखने आते हैं। यहाँ पहुँचने के लिए सड़क मार्ग सबसे सुविधाजनक है। बिजनौर शहर से खतोली गाँव की दूरी लगभग 20–25 किलोमीटर है। मंदिर तक पहुँचने के लिए स्थानीय वाहन, बस या निजी साधन आसानी से मिल जाते हैं। रहस्य और लोककथाएँ कहा जाता है कि मंदिर परिसर में रात के समय दिव्य सुगंध फैलती है, जिसे केवल सच्चे भक्त ही महसूस कर पाते हैं। कई ग्रामीणों का यह भी मानना है कि कठिन समय में भोलेनाथ यहाँ अपने भक्तों की रक्षा स्वयं करते हैं। निष्कर्ष बिजनौर का खतोली शिव मंदिर आस्था, इतिहास और संस्कृति का अद्वितीय संगम है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु न केवल पूजा करते हैं बल्कि आत्मिक शांति और दिव्यता का अनुभव भी करते हैं। यह पवित्र स्थल हमें याद दिलाता है कि भारतीय संस्कृति में शिव ही वह अनंत शक्ति हैं जो संहारक भी हैं और कल्याणकारी भी। 🙏 हर शिव भक्त को जीवन में एक बार इस दिव्य धाम का दर्शन अवश्य करना चाहिए। हैशटैग (YouTube/SEO के लिए) #Bijnor #KhatoliShivMandir #ShivTemple #BabaBholenath #ShivMandirBijnor #Mahashivratri #ShravanMonth #KawadYatra #AncientShivTemple #SpiritualTour ✍️ समापन – यह थी जानकारी बिजनौर उत्तर प्रदेश के खतोली गाँव के प्राचीन शिव मंदिर की। मैं हूँ Murli Mohan Behera और आप देख रहे हैं मेरा चैनल Improvise Me। 🙏 वीडियो को Like, Share और Subscribe करना न भूलें। Radhey Radhey 🙏