У нас вы можете посмотреть бесплатно जिस सालार मसूद गाजी दरगाह पर फहराया भगवा झंडा उसी दरगाह पहुंचे हिंदू मुस्लिमों किया खुलासा или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
जिस सालार गाजी दरगाह पर फहराया भगवा झंडा उसी दरगाह पहुंचे हिंदू मुस्लिमों ने किया खुलासा #dargah सालार मसूद ग़ाज़ी (1014–1034 ई.) एक तुर्की सेनापति और मुस्लिम धर्मयोद्धा (ग़ाज़ी) था, जिसे भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास में एक धार्मिक योद्धा और संत के रूप में याद किया जाता है। वह महमूद ग़ज़नवी के रिश्तेदार और सेनापति थे। ⸻ संक्षिप्त जीवन परिचय: • पूरा नाम: अबू अल-हसन सालार मसूद • जन्म: 1014 ई. (कुछ स्रोतों के अनुसार ग़ज़नी, अफ़ग़ानिस्तान में) • मृत्यु: 1034 ई. (बहुत संभवतः बहराज, बहराइच, उत्तर प्रदेश) ⸻ महत्वपूर्ण तथ्य: 1. महमूद ग़ज़नवी का भांजा: • सालार मसूद, ग़ज़नवी के सेनापति और रिश्तेदार थे। • उनके पिता का नाम सालार साहू (या सुहेलदेव) बताया जाता है, जो खुद भी एक योद्धा थे। 2. भारतीय अभियान: • 11वीं सदी में, सालार मसूद ग़ज़नवी की फौज के साथ भारत आया। • उसने दिल्ली, मेरठ, बाराबंकी और अवध के कई इलाकों में कब्ज़ा करने की कोशिश की। 3. बहराइच का युद्ध (1034): • राजा सुहेलदेव (हिंदू राजा) ने सालार मसूद के खिलाफ निर्णायक युद्ध लड़ा। • इस युद्ध में सालार मसूद मारा गया। • बहराइच (उत्तर प्रदेश) में उसका मक़बरा है, जिसे आज भी “ग़ाज़ी मियाँ” की दरगाह के रूप में जाना जाता है। ⸻ आज के संदर्भ में: मुस्लिम मान्यता: • कई मुस्लिम उसे “वली” (संत) और शहीद मानते हैं। • बहराइच में हर साल बड़ी उर्स (मेलों) में श्रद्धालु जाते हैं। हिंदू इतिहास में: • राजा सुहेलदेव को एक राष्ट्रभक्त योद्धा माना जाता है जिन्होंने आक्रमणकारियों से भारत की रक्षा की। • सालार मसूद को एक विदेशी आक्रमणकारी के रूप में देखा जाता है। ⸻ विवाद और धारणाएँ: • इतिहासकारों में सालार मसूद को लेकर मतभेद हैं। • कुछ लोग उसे मिथकीय नायक, कुछ आक्रमणकारी, और कुछ संत मानते हैं।