У нас вы можете посмотреть бесплатно 🌼 20 November 2025 Shiv Baba Murli | आज की मुरली | Brahma Kumaris Murli Today | BK Hindi Murli или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
Brahma Kumaris Murli Today 20-11-2025 | Shiv Baba Hindi Murli #TodayMurli Om Shanti। आज की 20 नवंबर 2025 प्रातः Murli में शिवबाबा हम बच्चों को याद दिलाते हैं कि— हम आत्माओं का स्वधर्म शान्ति है, और बाप हमें 21 जन्मों के लिए अखुट सुख-शान्ति और खजानों का वर्सा देने आए हैं। इस मुरली में बाबा बताते हैं— ✨ हम ही ईश्वर के मददगार बनकर नई सृष्टि की स्थापना में सहयोग करते हैं। ✨ रावणराज्य से देवताराज्य की यात्रा कैसे होती है। ✨ पुरानी दुनिया का विनाश और नई दुनिया के 21 जन्मों की प्राप्ति। ✨ आत्मा और परमात्मा का सच्चा परिचय। ✨ “वाह ड्रामा वाह” की स्मृति कैसे जीवन में शक्ति और स्थिरता लाती है। ⏳ Timestamps 00:00 – Om Shanti & Introduction 00:15 – मुख्य प्रश्न: बाबा क्यों आए हैं? 01:00 – आत्मा का स्वधर्म: शान्ति 02:10 – रावणराज्य vs देवताराज्य 04:00 – 21 जन्मों का अखुट वर्सा 06:10 – सतयुग और त्रेता का सतोप्रधान राज्य 08:00 – शिवबाबा का अवतरण और ज्ञान 10:00 – दिव्य दृष्टि, साक्षात्कार और ड्रामा 12:30 – हम विश्व के मालिक कैसे बनते हैं 14:30 – आत्म-स्थिति: “मैं आत्मा हूँ” 16:00 – धारणा के मुख्य बिंदु 17:20 – वरदान: “वाह ड्रामा वाह” 18:15 – स्लोगन: शान्ति की शक्ति 19:00 – अव्यक्त इशारा: अशरीरी अवस्था का अभ्यास #BrahmaKumaris #BKMurli #TodayMurli #ShivBaba #HindiMurli #OmShanti #Rajyoga #MurliToday #BKShivBaba #Madhuban #DailyMurli #SpiritualVibes #SoulPower #InnerPeace #DivineWisdom #GyanMurli #AajKiMurli #BKFamily 20-11-2025 प्रातःमुरली। ओम् शान्ति। बापदादा। “मीठे बच्चे—बाप आये हैं तुम बच्चों को शान्ति और सुख का वर्सा देने। तुम्हारा स्वधर्म ही शान्त है इसलिए तुम शान्ति के लिए भटकते नहीं हो।” प्रश्न: अभी तुम बच्चे 21 जन्मों के लिए अखुट खजानों में वज़न करने योग्य बनते हो—क्यों? उत्तर: क्योंकि बाप जब नई सृष्टि रचते हैं तब तुम बच्चे उनके मददगार बनते हो। अपना सब कुछ उनके कार्य में सफल करते हो इसलिए बाप उसके रिटर्न में 21 जन्मों के लिए तुम्हें अखुट खजानों में ऐसा वज़न करते हैं जो कभी धन भी नहीं खुटता, दु:ख भी नहीं आता, अकाले मृत्यु भी नहीं होती। गीत: मुझको सहारा देने वाले... ओम् शान्ति। मीठे-मीठे रूहानी बच्चों को ओम् का अर्थ सुनाया है। ओम् का अर्थ है मैं आत्मा शान्त स्वरूप हूँ। आत्मा शान्त स्वरूप है और शान्तिधाम उसका घर है। सच्ची शान्ति वहीं मिलती है। यह दु:खधाम, रावणराज्य अशान्ति से भरा हुआ है। बाप बच्चों को शान्ति का वर्सा देने आये हैं। सतयुग-त्रेता में अशान्ति का नाम-निशान नहीं होता। वहाँ 5 विकार रूपी रावण नहीं होता। अभी तुम ईश्वर के मददगार बनकर दैवी राज्य की स्थापना में सहयोग दे रहे हो। पहले तुम रावण के मददगार थे। अभी बाप आकर सबकी सद्गति कर रहे हैं। तुम बच्चों को ज्ञान का तीसरा नेत्र मिला है। सतयुग-त्रेता सुख का राज्य है। यहाँ मनुष्य गंद खाते हैं, गाली देते हैं। वहाँ देवता सतोप्रधान होते हैं। स्वर्ग और नर्क में दिन-रात का फर्क है। पहले तुम भी अन्धियारी रात में थे। महात्माओं को सोने में वज़न किया जाता था क्योंकि वे सतोप्रधान पत्ते जैसे होते हैं, लेकिन वह सब थोड़े समय का है। बाप स्वर्ग की स्थापना करते हैं। उसमें जो लगाते हैं उन्हें 21 जन्मों के लिए हीरों-जवाहरों के महल मिलते हैं। यहाँ एक जन्म के लिए भी कुछ नहीं टिकता। तुम जानते हो यह शरीर सहित सब कुछ भस्म हो जाना है। विनाश के बाद लक्ष्मी-नारायण का राज्य होगा। तुम अभी अपना राज्य-भाग्य बना रहे हो। भक्ति मार्ग में सब बाप को याद करते हैं। बाप सुख का वर्सा देते हैं इसलिए फिर याद करने की आवश्यकता नहीं रहती। अभी तुम विश्व के मालिक बनने की पढ़ाई पढ़ रहे हो। श्रीकृष्ण के मुख में माखन दिखाया जाता है—वह संगम की बात है। प्रायः लोग लड़ते हैं और मक्खन दूसरों को मिलता है। क्रिश्चियन ने भारत को लड़ाकर लाभ लिया। अब तुम ईश्वरीय सन्तान बन ब्रह्माण्ड व विश्व के मालिक बनते हो। सूक्ष्मवतन में राजाई नहीं है। आत्मा शरीर छोड़ने से नहीं जाती वरन् साक्षात्कार के समय दिव्य दृष्टि से सब होता है। यह सब ड्रामा में नूँध है। श्रीकृष्ण विश्व का प्रिन्स बनता है। लोग नहीं जानते ब्रह्माण्ड क्या है। ब्रह्माण्ड आत्माओं का घर है। सूक्ष्मवतन 5000 वर्ष नाम नहीं आता। आत्मा बिन्दी है, उसे आंख से देखा नहीं जा सकता। शरीर विनाशी है। आत्मा अविनाशी है। बाबा भागीरथ पुराना रथ लेकर आते हैं। बाप कहते हैं मुझे शरीर नहीं है; ज्ञान, प्रेम और शक्ति का वर्सा देने मैं आता हूँ। भक्ति मार्ग में मुझे पूजते हैं। समाधियाँ, चित्र, मूर्तियाँ सब भक्ति मार्ग की बातें हैं। शिव के मन्दिर यादगार हैं। 🔍 Keywords Brahma Kumaris, BK Murli Today, Hindi Murli, Shiv Baba Murli, 20 November 2025 Murli, Madhuban Murli, BK Rajyog, Shiv Baba Gyan, Today Murli BK, Brahma Kumaris Today Class, Gyan Murli Hindi, Rajyoga Meditation Hindi, Daily Murli, BK Shivani, Om Shanti Murli, Murli Chintan.