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स्मृति के आधार पर किसी विषय पर अथवा किसी व्यक्ति पर लिखित आलेख संस्मरण कहलाता है। संस्मरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है : - सम् + स्मरण। इसका अर्थ ‘सम्यक स्मरण’ अर्थात् किसी घटना, किसी व्यक्ति अथवा वस्तु का स्मृति के आधार पर कलात्मक वर्णन करना संस्मरण कहलाता है। इसमें लेखक कल्पना का अधिक प्रयोग नहीं करता है। लेखक के स्मृति पटल पर अंकित किसी विशेष व्यक्ति के जीवन की कुछ घटनाओं का रोचक विवरण संस्मरण कहलाता है। इसमें लेखक उसी का वर्णन करता है जो उसने स्वयं देखा या अनुभव किया हो। इसका विवरण सर्वथा प्रामाणिक होता है। संस्मरण लेखक जब अपने विषय में लिखता है, तो उसकी रचना आत्मकथा के निकट होती है और जब दूसरे के विषय में लिखता है तो जीवनी के। अत: स्पष्ट है कि संस्मरण किसी व्यक्ति विशेष के जीवन की घटनाओं का रोचक ढंग से प्रस्तुत विवरण संस्मरण कहलाता है, वर्णन प्रत्यक्ष घटनाओं पर आधारित होता हैं। An article written on the basis of memory on a subject or person is called a memoir. An interesting description of some events in the life of a particular person marked on the memory of the writer is called a memoir. In this, the author describes only what he himself has seen or experienced. Its details are absolutely authentic. When a memoirist writes about himself, his composition is closer to an autobiography and when he writes about another, it is closer to a biography. Therefore, it is clear that memoir is an interestingly presented description of the events of a particular person's life called memoir, the description is based on direct events.