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अफीम के बारे में 3 बातें जो आपको नहीं पता होंगी Fasal Kranti #fasalkranti #latestnews #hindinews #poppy #agriculture अफीम (Opium Poppy) एक नशीला पदार्थ है, जिसका उपयोग दवाओं (जैसे मॉर्फिन, कोडीन) में किया जाता है, लेकिन इसकी खेती पर सरकार का सख्त नियंत्रण होता है। भारत में केवल कुछ चुनिंदा राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश) में ही कानूनी तौर पर अफीम की खेती की जाती है। अफीम के फायदे (Advantages) चिकित्सा में उपयोग: मॉर्फिन, कोडीन जैसी दर्दनिवारक दवाएं बनाने में प्रयोग होता है। कैंसर और गंभीर दर्द के इलाज में उपयोगी। उच्च आय: सरकार द्वारा निर्धारित MSP पर खरीदी होती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है। सरकारी लाइसेंस वालों के लिए सुरक्षित व्यवसाय: कानूनी तरीके से खेती करने वालों को सरकारी संरक्षण मिलता है। अफीम के नुकसान (Disadvantages) गैर-कानूनी उपयोग का खतरा: अफीम का दुरुपयोग हेरोइन जैसे नशीले पदार्थों के निर्माण में हो सकता है। सख्त कानूनी प्रतिबंध: बिना लाइसेंस के खेती करने पर जेल और भारी जुर्माना हो सकता है। सामाजिक नुकसान: नशाखोरी बढ़ने से स्वास्थ्य और अपराध समस्याएं पैदा होती हैं। अफीम की खेती कैसे करें? (Legal Process) भारत में अफीम की खेती करने के लिए नारकोटिक्स विभाग (Narcotics Department) से अनुमति लेनी पड़ती है। कानूनी चरण: लाइसेंस के लिए आवेदन: राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार आवेदन करें। जमीन की जांच: सरकारी अधिकारी खेत का निरीक्षण करते हैं। कोटा सिस्टम: हर साल सरकार एक निश्चित मात्रा (Quota) तय करती है, उससे अधिक उत्पादन नहीं कर सकते। फसल की खरीद: पूरी फसल सरकारी एजेंसियों (जैसे Central Opium & Alkaloid Works) को बेचनी होती है। तकनीकी जानकारी: उपयुक्त जलवायु: शुष्क और गर्म (मध्य प्रदेश, राजस्थान)। बुवाई का समय: अक्टूबर-नवंबर। कटाई: मार्च-अप्रैल में पौधे के डोडों (Pods) से दूध (Latex) निकाला जाता है। जरूरी चेतावनी: बिना लाइसेंस अफीम उगाना गैरकानूनी है (NDPS Act के तहत सजा)। अफीम की तस्करी या अवैध उपयोग करने पर 10 साल से उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। निष्कर्ष: अफीम की खेती केवल सरकारी नियमों के तहत ही संभव है। अगर आप कानूनी तरीके से इसे उगाना चाहते हैं, तो नारकोटिक्स विभाग से संपर्क करें। वैकल्पिक रूप से, आप अश्वगंधा, सतावरी या अन्य औषधीय पौधों की खेती कर सकते हैं, जिनकी मांग भी अच्छी है और जोखिम कम। आज हम जानेंगे अफीम के खेती के बारे में। सबसे पहले जानते है अफीम है क्या। आपको बता दें इसका रंग कला होता है और स्वाद कड़वा होता है। बाज़ार में अफीम घनाकार बर्फी के रूप में मिलती है मगर ये आम जान के लिए आसानी से उपलब्ध रहने वाली चीज़ नहीं होती क्यूंकि इसका प्रयोग काफी सेंसटिव मन जाता है। कई लोग इसे नशे के रूप में प्रयोग करते है। fasalkranti#afeem#afeemkikheti#shahinali#agriculturenews#