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रूट प्रूनिंग क्यों करते हैं? रूट प्रूनिंग मुख्य रूप से पौधे की स्वस्थ वृद्धि, आकार बनाए रखने और समस्याओं से बचाव के लिए की जाती है। यहां मुख्य कारण हैं: कॉडेक्स (मोटा तना) को मजबूत और बड़ा बनाने के लिए: अडेनियम का कॉडेक्स पानी स्टोर करने का काम करता है, जो इसे सूखे में जीवित रखता है। जब जड़ें बहुत लंबी या घनी हो जाती हैं, तो पौधा ऊर्जा जड़ों पर ज्यादा खर्च करता है। रूट प्रूनिंग से पुरानी या अतिरिक्त जड़ों को काटकर, पौधा नई जड़ें उगाने पर फोकस करता है, जिससे कॉडेक्स मोटा और आकर्षक बनता है। यह बोन्साई-स्टाइल में उगाने के लिए खासतौर पर उपयोगी है, जहां पौधे को छोटा और सुंदर रखना होता है। रूट-बाउंड (जड़ों का गमला भरना) रोकने के लिए: अगर जड़ें गमले में बहुत घनी हो जाती हैं, तो पौधा "रूट-बाउंड" हो जाता है। इससे पानी और पोषक तत्वों का अवशोषण कम हो जाता है, पौधा कमजोर पड़ता है, और फूल कम आते हैं। प्रूनिंग से जड़ों को थोड़ा कम करके, पौधे को नई जगह मिलती है और वह बेहतर तरीके से बढ़ता है। रोगों और सड़न से बचाव: पुरानी, क्षतिग्रस्त या सड़ी हुई जड़ें रूट रॉट (जड़ों की सड़न) का कारण बन सकती हैं, जो फंगस या ज्यादा पानी से होता है। प्रूनिंग में ऐसी जड़ों को हटाकर, पौधे को स्वस्थ रखा जाता है। इससे संक्रमण फैलने का खतरा कम होता है। रिपोटिंग (गमला बदलने) के दौरान: जब पौधे को बड़ा गमला या नई मिट्टी में शिफ्ट करते हैं, तो रूट प्रूनिंग जरूरी होती है। इससे जड़ें नई मिट्टी में अच्छी तरह फैलती हैं और पौधा जल्दी एडजस्ट हो जाता है। आकर्षक आकार और बोन्साई बनाने के लिए: अडेनियम को बोन्साई की तरह उगाने वाले लोग रूट प्रूनिंग से जड़ों को ऊपर उठाकर (रूट लिफ्टिंग) कॉडेक्स को दिखावटी बनाते हैं। इससे पौधा ज्यादा सुंदर लगता है। क्या रूट प्रूनिंग की जरूरत है? जरूरी नहीं हमेशा, लेकिन फायदेमंद: अगर आपका अडेनियम स्वस्थ है, जड़ें नहीं उभरी हैं, और वह अच्छी तरह बढ़ रहा है, तो हर साल प्रूनिंग की जरूरत नहीं। लेकिन अगर पौधा 1-2 साल पुराना है, गमला छोटा लग रहा है, या कॉडेक्स पतला है, तो यह जरूरी हो जाती है। आमतौर पर वसंत या गर्मियों में (मार्च-मई) यह की जाती है, जब पौधा सक्रिय रूप से बढ़ रहा होता है। बिना प्रूनिंग के क्या होता है?: जड़ें अनियंत्रित बढ़ती रहेंगी, पौधा कमजोर हो सकता है, फूल कम आएंगे, और रूट रॉट का खतरा बढ़ेगा। लंबे समय में पौधा मर भी सकता है। कैसे करें? (संक्षिप्त में): पौधे को गमले से निकालें, जड़ों को धोएं, पुरानी/क्षतिग्रस्त जड़ों को तेज चाकू से काटें (कुल जड़ों का 1/3 से ज्यादा न काटें), फिर नई मिट्टी में लगाएं। कटे हिस्सों पर फंगीसाइड लगाएं। प्रूनिंग के बाद 1-2 हफ्ते पानी कम दें। अगर आपका पौधा किसी समस्या से गुजर रहा है, तो फोटो शेयर करें या ज्यादा डिटेल दें, ताकि मैं बेहतर सलाह दे सकूं। ध्यान रखें, प्रूनिंग सावधानी से करें, वरना पौधे को नुकसान हो सकता है! #flowers #garden #desertplants #gardening #adeniuam #flowers #terracegardenindia #viralvideo