У нас вы можете посмотреть бесплатно खाटू श्याम जी चुलकाना धाम| महाभारत से जुड़ा धाम!चमत्कारिक पीपल का पेड़! Delhi to Chulkana dham| или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
आप: जय श्री श्याम! दोस्तों, मैं हूँ आपका दोस्त (आपका नाम), और आज हम एक ऐसी पवित्र और ऐतिहासिक जगह पर हैं, जिसे कलियुग का सर्वोत्तम तीर्थ माना जाता है। मैं बात कर रहा हूँ हरियाणा के पानीपत में स्थित चुलकाना धाम की! इसे श्याम बाबा का धाम या खाटू श्याम जी का प्राचीन मंदिर भी कहते हैं। यह वो पवित्र भूमि है, जहाँ महाबली वीर बर्बरीक ने, जिन्हें आज हम खाटू श्याम जी के नाम से जानते हैं, ने भगवान श्री कृष्ण को अपने शीश का दान दिया था भीम के पौत्र बर्बरीक के पास तीन अचूक बाण थे। वह कुरुक्षेत्र के युद्ध में अपनी माँ को दिए वचन के कारण हारने वाले का साथ देने आए थे। भगवान कृष्ण जानते थे कि अगर बर्बरीक युद्ध में शामिल हुए, तो कोई नहीं बचेगा। इसलिए, उन्होंने एक ब्राह्मण का वेश धारण किया और बर्बरीक से उनका शीश दान में मांग लिया। बर्बरीक ने हंसते-हंसते अपना शीश दान कर दिया, पर आखिरी इच्छा जताई कि वह युद्ध देखना चाहते हैं। तब श्री कृष्ण ने उनके शीश को अमृत से सींचकर अमर कर दिया और उसे एक टीले पर रखवा दिया, जो आज का चुलकाना धाम है। और यहीं पर कृष्ण ने उन्हें अपना श्याम नाम देकर यह वरदान दिया कि कलियुग में वह 'हारे का सहारा' बनकर पूजे जाएँगे! इस धाम का सबसे बड़ा चमत्कार और आकर्षण है यह प्राचीन पीपल का पेड़! पौराणिक कथा के अनुसार, शीश दान से पहले, बर्बरीक ने अपनी शक्तियों को सिद्ध करने के लिए एक ही बाण से इस पीपल के हर एक पत्ते में छेद कर दिया था। और दोस्तों, आज भी आप देख सकते हैं, इस पेड़ के हर पत्ते में छेद दिखाई देता है! यह सचमुच में एक चमत्कार है! भक्त यहाँ मन्नत का धागा बाँधते हैं और बाबा से अपनी मनोकामनाएँ पूरी करने की प्रार्थना करते हैं।