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🌼 परिचय संत कबीर दास जी भारतीय संत परंपरा के महानतम कवियों और संतों में से एक हैं। उनकी वाणी, उनके दोहे और भजन आज भी करोड़ों लोगों के जीवन को प्रेरित करते हैं। कबीर जी ने सरल भाषा में गहन आध्यात्मिक सत्य को व्यक्त किया। उनका दोहा “दुख में सुमरिन सब करे” हमें यह सिखाता है कि लोग दुख के समय ईश्वर को याद करते हैं, लेकिन सुख के समय भूल जाते हैं। यह दोहा केवल शब्दों का मेल नहीं है, बल्कि जीवन का गहरा दर्शन है। यह हमें बताता है कि सच्ची भक्ति वह है जो हर समय, हर परिस्थिति में बनी रहे। 🌸 दोहे का मूल भाव दुख में सुमरिन सब करे, सुख में करे न कोय। जो सुख में सुमरिन करे, तो दुख काहे होय॥ 👉 इसका अर्थ है कि लोग दुख में ईश्वर को याद करते हैं, लेकिन सुख में भूल जाते हैं। 👉 कबीर जी का संदेश है कि सच्ची भक्ति वह है जो सुख-दुख दोनों में समान रूप से बनी रहे। 👉 यदि हम सुख में भी ईश्वर को याद करें, तो दुख का प्रभाव कम हो जाता है। 🌿 आध्यात्मिक प्रेरणा भक्ति केवल दुख में नहीं, हर समय करनी चाहिए। सुख-दुख जीवन के दो पहलू हैं, दोनों में ईश्वर को याद करना आवश्यक है। सच्चा भक्त वही है जो हर परिस्थिति में ईश्वर का स्मरण करता है। कबीर जी हमें सिखाते हैं कि हमें भक्ति को आदत बनाना चाहिए, केवल आवश्यकता नहीं। 🌼 आधुनिक जीवन में दोहे का महत्व आज के समय में जब लोग तनाव, चिंता और दुख से घिरे रहते हैं, कबीर जी का यह दोहा हमें संतुलन सिखाता है। सुख में भी ईश्वर को याद करें। ध्यान और भक्ति से मन को शांति दें। दुख के समय ईश्वर को याद करना स्वाभाविक है, लेकिन सुख में भी भक्ति करने से जीवन संतुलित रहता है। यह दोहा हमें याद दिलाता है कि भक्ति केवल संकट का समाधान नहीं, बल्कि जीवन का आधार है 🌿 विस्तृत व्याख्या (Long Form for SEO) कबीर जी का यह दोहा हमें यह समझाता है कि ईश्वर को केवल दुख में याद करना अधूरी भक्ति है। जब हम सुख में ईश्वर को भूल जाते हैं, तो दुख हमें अधिक प्रभावित करता है। 👉 यदि हम सुख में भी ईश्वर का स्मरण करें, तो दुख का प्रभाव कम हो जाता है। 👉 भक्ति को आदत बनाना चाहिए, केवल आवश्यकता नहीं। 👉 जीवन का सच्चा आनंद तभी है जब हम हर परिस्थिति में ईश्वर को याद करें। कबीर जी का यह संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना उनके समय में था। 🌸 Spiritual Motivation भक्ति हर समय करनी चाहिए, केवल दुख में नहीं। सुख-दुख जीवन के दो पहलू हैं, दोनों में ईश्वर को याद करना आवश्यक है। सच्चा भक्त वही है जो हर परिस्थिति में ईश्वर का स्मरण करता है। कबीर जी की वाणी हमें आत्मा की ओर ले जाती है। 🌼 निष्कर्ष संत कबीर दास जी का दोहा “दुख में सुमरिन सब करे” हमें यह सिखाता है कि भक्ति केवल दुख का समाधान नहीं, बल्कि जीवन का आधार है। हमें हर समय, हर परिस्थिति में ईश्वर को याद करना चाहिए